
शिमला: राजधानी शिमला में इन दिनों पानी जी संकट खड़ा हुआ है, कई हिस्सों में तीसरे दिन लोगों को पानी दिया जा रहा हैं। वही पानी पर राजनीति भी गरमाने लगी है। नगर निगम चुनावों को देखते हुए कांग्रेस इसे मुद्दा बनाकर भुनाने में जुट गई है। मंगलवार को युवा कांग्रेस पानी के संकट को लेकर शिमला शहर में रैली निकालकर नगर निगम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने खाली बाल्टियों के साथ प्रदर्शन किया और भाजपा शासित नगर निगम पर शिमला वासियों को पानी मुहैया करवाने में पूरी तरह से विफल करार दिया।
युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष निगम भंडारी ने कहा कि शहर में घर-घर जा कर युवा कांग्रेस ने लोगो की समस्याएं जानने की कोशिश की तो शहर में पानी की समस्या लोगो ने बताई। भाजपा ने सत्ता में आने से पहले 24 घण्टे पानी देने का वादा किया था लेकिन पांच साल में 24 घण्टे तो दूर दूसरे दिन भी पानी नही दिया जा रहा है। शिमला में पानी का संकट पैदा हुआ है और भाजपा सरकार लोगों को पानी मुहैया नहीं करवा पा रही है, लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है । पूर्व की कांग्रेस सरकार द्वारा जो योजनाएं पानी के लिए शुरू की गई थी वह इस सरकार में पूरी नहीं हुई है भाजपा शासित नगर निगम लोगों को पानी मुहैया करवाने में पूरी तरह से नाकाम साबित होगी। उन्होंने कहा कि नगर निगम को जगाने के लिए आज शहर में युवा कांग्रेस द्वारा रैली निकाली गई और प्रदर्शन किया गया साथ ही भाजपा सरकार को जगाने के लिए मटके फोड़ कर जगाने का किया प्रयास किया गया।
वही नगर निगम शिमला के पूर्व उपमहापौर ओर कांग्रेस नेता हरीश जनारथा ने कहा कि पानी के निजीकरण होने के चलते पानी का संकट खड़ा हुआ है। पानी वितरण के लिए निनी कंपनी बनाई गई है जो पिछले 4 सालों में भी स्थापित नहीं हो पाई है जिसके चलते शहर में पानी के संकट से लोगों को जूझना पड़ रहा है स्त्रोतों से काफी ज्यादा मात्रा में पानी आ रहा है लेकिन पानी का वितरण सही तरीके से नहीं किया जा रहा है। जिसका खामयाजा लोगो को भुगतना पड़ रहा है।शहर के कई हिस्सों में 7 दिन बाद पानी दिया जा रहा है। सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रो में पानी मुफ्त कर दिया और शहर की जनता ने क्या गुना किया है जो शहर में महंगी दरों पर पानी दिया जा रहा है।
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