कर्क संक्रांति कब है, क्या है इसका महत्व?
July 6th, 2023
| Post by :- Ajay Saki
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Surya gochar karka sankranti : सूर्य के कर्क राशि में प्रवेश को कर्क संक्रांति कहते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार इसे छह महीने के उत्तरायण काल का अंत भी माना जाता है। साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, जो मकर संक्रांति में पर समाप्त होती है। हालांकि ज्योतिषियों में इसको लेकर मतभेद हैं।
कब है कर्क सूर्य संक्रांति : इस बार कर्क संक्रांति 16 जुलाई रविवार को रहेगी।
कर्क संक्रांति का महत्व : इस समय किए जाने वाले कार्यों में देवों का आशीर्वाद नहीं प्राप्त होता है। इस दिन सूर्यदेव को जल अर्पित करें। संक्रांति में की गई सूर्य उपासना से दोषों का शमन होता है। सूर्यदेव से सदा स्वस्थ रहने से कामना करें। आदित्य स्तोत्र एवं सूर्य मंत्र का पाठ करें। इस समय में शहद का प्रयोग लाभकारी माना जाता है।
दान : कर्क संक्रांति पर वस्त्र एवं खाने की चीजों और विशेषकर तेल के दान का विशेष महत्व है। सुहागन बुजुर्ग महिला को वस्त्र, किसी बुजुर्ग को पूजा में पहनने वाला धोती वस्त्र, किसी बालिका को नारंगी रंग का परिधान, किसी बालक को हरे फल और किसी नवविवाहित दम्पत्ति को भोजन कराएं
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