
प्रदेश के रोजगार कार्यालयों की सभी सेवाएं अब घर-द्वार पर उपलब्ध होंगी। सरकार की नई पहल में रोजगार चाहने वाले उम्मीदवारों को पंजीकरण करवाने के लिए व्यक्तिगत रूप से कार्यालयों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी। कागज रहित पंजीकरण से बेरोजगार युवाओं, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले उम्मीदवारों पर पड़ने वाला यात्रा संबंधी और अन्य वित्तीय खर्च समाप्त होगा। नई व्यवस्था में युवा रोजगार कार्यालय में आए बिना स्वयं या लोकमित्र केंद्र के माध्यम से ऑनलाइन पंजीकरण करवा सकेंगे।
सभी आवश्यक दस्तावेजों को ऑनलाइन पंजीकृत और अपलोड किया जा सकेगा और पंजीकरण का टोकन यानी पंजीकरण का प्रमाण ऑनलाइन डाउनलोड करने की भी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि लगभग 50 वर्षों से रोजगार कार्यालयों में युवाओं को स्वयं जाने की जरूरत को समाप्त करते हुए प्रदेश सरकार की ओर से अब एक अधिक सुविधाजनक ऑनलाइन पंजीकरण प्रणाली स्थापित की जा रही है।
पूर्व में ऑनलाइन पंजीकरण के बाद भी युवाओं को अपने मूल दस्तावेजों के साथ रोजगार कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन राज्य सरकार ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने में प्रौद्योगिकी की क्षमता को न केवल पहचाना है बल्कि इसे तुरंत अपनाकर संस्थानों, कार्यालयों एवं प्रक्रियाओं में बदलाव लाने के लिए प्रभावी कदम भी उठाए हैं। नवपरिवर्तन को युवाओं के लिए सुगम बनाने के मद्देनजर श्रम और रोजगार विभाग ने ई-एमआईएस (रोजगार विनिमय प्रबंधन सूचना प्रणाली) के नाम से एक सॉफ्टवेयर विकसित किया है।
यह सॉफ्टवेयर आवेदकों को बिना किसी वित्तीय परेशानी के ऑनलाइन पंजीकरण करने में सक्षम बनाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कागज रहित पंजीकरण की शुरूआत से नौकरी चाहने वालों के लिए पैसों के साथ-साथ समय की बचत भी सुनिश्चित होगी। राज्य सरकार का लक्ष्य प्रौद्योगिकी के उपयोग से रोजगार कार्यालयों को समावेशी बनाने, कार्यालयों में प्रक्रिया संबंधी बाधाओं को कम करना और दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाले युवाओं को सुविधा प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के लोगों की सुविधा के लिए कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) सहित आधुनिक तकनीक का लाभ उठाना और उन्हें घर-द्वार पर बेहतर सेवाएं प्रदान करना सरकार की प्रतिबद्धता है।
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे news4himachal@gmail.com पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।