Shimla-Mataur Highway पर दोबारा रखा खोखा, जमीन पर जताया मालिकाना हक, कहा मां की है जमीन
January 30th, 2023 | Post by :- | 37 Views

बिलासपुर: शिमला-मटौर राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) पर मंगरोट के पास जिला प्रशासन व सीता शर्मा के बीच जमीन को लेकर चल रहा विवाद फिर शुरू हो गया है। सीता शर्मा के बेटे राजनकांत शर्मा ने सड़क की जमीन पर अपना मालिकाना हक जताते हुए यहां पर दोबारा अपना खोखा लगा दिया है।

इससे जहां वाहन चालकों को परेशानी होगी, वहीं, संबंधित जगह पर कभी भी अप्रिय घटना के होने का अंदेशा बना रहेगा। राजनकांत शर्मा ने कहा कि संबंधित जमीन उसकी माता की है ।

निशानदेही देने से बच रहा प्रशासन

राजनकांत ने दावा किया कि जिस जगह पर उसने खोखा रखा है। वहां पर उसकी खसरा नंबर 217/119 में उसके माता के नाम पर 15 बिस्वा जमीन है लेकिन मौके पर करीब 12 बिस्वा जमीन ही निकल रही है। इस खसरा नंबर की निशानदेही उसकी माता ने वर्ष 2009 में करवाई थी। उस समय उनकी करीब तीन बिस्वा जमीन कम निकली थी। उस समय से वे अपनी जमीन की निशानदेही की मांग कर रहे हैं लेकिन प्रशासन निशानदेही देने से बच रहा है।

जिला पुलिस प्रवक्ता एवं डीएसपी बिलासपुर राजकुमार ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद पुलिस टीम को मौके पर भेजा गया था। खोखा सड़क के किनारे पाया गया है। अगर उक्त व्यक्ति खोखे को सड़क के बीच रखता है तो संबंधित विभागों से बात करके कार्रवाई की जाएगी।

खोखे में लगाए टायर

राजनकांत शर्मा ने इस बार खोखे में टायर लगाए हैं। इससे इस खोखे को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह पर ले जा सकते हैं। राजन कांत ने रविवार को अपने खोखे को अपनी दावे वाली जगह पर सड़क पर लगा दिया है।

उसका कहना है कि वह प्रतिदिन अपने खोखे को अपने घर से पांच सौ मीटर दूर संबंधित जगह पर लेकर जाएगा और वहां पर दिनभर सामान बेचने के बाद इसे शाम को घर वापस लाया करेगा। पुलिस प्रशासन से मांग की जाएगी कि वह यातायात व्यवस्था बरकरार रखने के लिए यहां पर पुलिस तैनात करे।

तीन दिसंबर को पुलिस ने हटाया था खोखा

पुलिस ने गत तीन दिसंबर को मंगरोट के पास से हटाकर जब्त कर लिया था। इसके बाद मामला शांत हो गया था लेकिन राजनकांत ने दोबारा खोखा लगाकर प्रशासन के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। पहले भी जिला प्रशासन को इस खोखे को हटाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी थी तथा प्रशासन को इसे हटाने में सात दिन लग गए थे।

राजनकांत शर्मा का कहना है कि उसने अपनी रोजी-रोटी के लिए खोखा लगाया है। यदि संबंधित जमीन सरकार के नाम पर है तो वह इसकी निशानदेही करवाए। यदि जमीन सरकार की निकलती है तो वह अपना खोखा स्वयं हटा देगा।

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