लाहौल-स्पीति : लाहौल-स्पीति जिले की स्पीति घाटी में स्नो लैपर्ड के 2 शावक देखे गए हैं। किब्बर की पहाड़ियों के साथ लगते नाले में खेल रहे दोनों शावकों को स्पीति में कार्यरत सहायक लोक संपर्क अधिकारी अजय बन्याल ने अपने कैमरे में कैद किया है। इससे पता चलता है कि स्पीति घाटी का वातावरण स्नो लेपर्ड के जनजीवन के लिए बेहतर है और आए दिन यहां की पहाड़ियों पर स्नो लैपर्ड विचरते हुए भी नजर आ रहे हैं। इससे पहले भी काॅमिक व डेमूल के चरागाह के निकट आसपास इनकी मौजूदगी महसूस की गई है।
वन विभाग की मानें तो बर्फानी तेंदुओं ने स्पीति घाटी के अनुरूप खुद को ढाल लिया है और यहां इनकी हलचल दिखने लगी है। स्थानीय लोगों व वन्य प्राणी विभाग के प्रयासों से इस दुर्लभ वन्य प्राणी को स्पीति घाटी में प्रजनन के लिए एक अनुकूल वातावरण मिला है। वन विभाग इनकी सुरक्षा व रिसर्च पर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है तो स्थानीय लोग भी इनकी सुरक्षा में योगदान दे रहे हैं। स्पीति घाटी में आई वैक्स व ब्लू शीप जैसे वन्य प्राणियों के शिकार पर कई तरह के सामाजिक व धार्मिक प्रतिबंध से इनकी तादाद बढ़ने से स्पीति में बर्फानी तेंदुए को आसानी से शिकार मिल जाता है।
वहीं सहायक लोक संपर्क अधिकारी अजय बनयाल ने बताया कि इस बार वह भी स्पीति में बर्फानी तेंदुए को कैमरे में कैद करने में सफल रहे हैं। बता दें कि स्पीति घाटी में किब्बर वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी (अभ्यारण्य) सबसे बड़ी है। इसका क्षेत्रफल 2200 वर्ग किलोमीटर है। कुल्लू को लाहौल से जोड़ने वाली पिन वैली की वाइल्ड लाइफ सैंक्चुरी 675 वर्ग किलोमीटर है जबकि चंद्रताल सैंक्चुरी 50 वर्ग किलोमीटर तक फैली है।
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