सीमेंट ढुलाई मामले में सीएम सुक्खू बोले- हम ट्रक ऑपरेटरों के हितों को नुकसान नहीं पहुंचने देंगे
February 7th, 2023 | Post by :- | 80 Views

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को सीमेंट ढुलाई विवाद मामले में पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि ट्रक संचालकों के संकट को हल करने के लिए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को नियुक्त किया गया है, जो कई दिनों से अधिक माल भाड़े की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।

सुक्खू ने आगे कहा कि उनकी सरकार प्रदेश के ट्रक संचालकों के हितों को आहत नहीं होने देगी। हम  ट्रक ऑपरेटरों के हितों को नुकसान नहीं होने देंगे।

सीएम बोले- हिमाचल के हित सर्वोपरि

सुक्खू ने कहा कि इस गतिरोध को सुलझाने के लिए और एक समाधान खोजने के लिए मैंने उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान को नियुक्त किया है। उन्होंने आगे कहा कि हिमाचल के हितों को सर्वोपरि मानते हुए हमने ट्रांसपोर्टरों और अडाणी समूह के साथ बैठक भी की थी।

6,000 ट्रक ऑपरेटर हड़ताल पर

करीब 6,000 ट्रक ऑपरेटर माल भाड़े में बढ़ोतरी की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठें हैं। बरमाना प्लांट में लगभग 3,800 ट्रक चालक हड़ताल पर हैं और दारलाघाट प्लांट में लगभग 2,100 ट्रक संचालक हड़ताल पर हैं।

बता दे, कि बिलासपुर जिले के बरमाना में दो संकटग्रस्त प्लांट है, और सोलन जिले में एसीसी प्लांट और दारलाघाट में अंबुजा प्लांट हैं। अडानी समूह ने सितंबर में बहु-अरब डॉलर के  में अंबुजा और उसकी सहायक कंपनी एसीसी को अडानी समूह ने ले लिया।

सीमेंट प्लांट से लोगों की आजीविका जुड़ी

मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सीमेंट ढुलाई विवाद पर स्पष्ट किया है कि सरकार ट्रक आपरेटर का शोषण सहन नहीं करेगी। सीमेंट प्लांट से प्रदेश के हजारों लोगों की आजीविका जुड़ी है, इसलिए सरकार इस मामले का समुचित समाधान निकालेगी।

सरकार कानून कार्रवाईकरने से पीछे नहीं हटेगी

हर्षवर्धन सीमेंट कंपनी प्रबंधन नहीं मानता है और अडियल रुख अपनाए रखता है तो सरकार कानून कार्रवाई करने से भी पीछे नहीं हटेगी। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों को सहमति जरूरी है। किसी का भी अडियल रवैया मामले को सुलझने नहीं देगा। सरकार मामले पर गंभीर है।

कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे [email protected] पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।