बिलासपुर: पेट्रोल व डीजल की बढ़ती कीमत के बाद हिमाचल सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की तरफ कदम बढाने जा रही है। इस दिशा में बिलासपुर प्रशासन ने भी जिला में छह ऐसे स्थानों का चयन कर लिया है जहां इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन तैयार किए जाएंगे।
ये छह चार्जिंग स्टेशन जिला के पहले चार्जिंग स्टेशन होंगे। अब तक जिला में ऐसा कोई स्टेशन नहीं है जहां निजी व सरकारी इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज किया जा सके। प्रदेश सरकार ने लगभग सभी जिलों से ऐसे चार्जिंग स्टेशन खोलने के लिए उपयुक्त स्थानों की सूची मांगी थी।
इलेक्ट्रिक वाहन मंगवाने की तैयारी में सरकार
जिला प्रशासन ने यह सूची तैयार कर प्रदेश सरकार को आगामी दिशानिर्देशों के लिए हवाले कर दी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन तैयार करने के साथ प्रदेश सरकार ने ऐसे वाहनों की सूची भी मांगी है जो आगामी दो वर्ष यानी 2024 तक कंडम यानी जीरो बुक वेल्यू या पासिंग से आउट होने जा रहे हैं।
ऐसे वाहनों के स्थानों पर सरकार इलेक्ट्रिक वाहन मंगवाने की तैयारी में है। ऐसे वाहनों के स्थान पर नए वाहन इलेक्ट्रिक चार्जिंग की सुविधा के साथ आएंगे। यही वजह है कि सबसे पहले चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने के लिए प्रयास तेज हो गए हैं।
यहां होंगे चार्जिंग स्टेशन
बिलासपुर जिला मुख्यालय के निकट तीन इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जा रहे हैं। पहला चार्जिंग स्टेशन वेटरनरी अस्पताल के निकट चंगर सेक्टर में होगा। शहर में ही दूसरा चार्जिंग स्टेशन उपायुक्त कार्यालय के निकट स्थापित होगा। तीसरा चार्जिंग स्टेशन एचआरटीसी की वर्कशाप के निकट स्थापित किया जा रहा है।
इसके अलावा तीन अन्य चार्जिंग स्टेशन राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे व महत्वपूर्ण स्थानों पर स्थापित होंगे। इनमें एक चार्जिंग स्टेशन नौणी के थोड़ा से आगे एम्स के निकट स्थापित होगा। पांचवा चार्जिंग स्टेशन मंडी भराड़ी पुल के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे स्थापित होगा। छठा चार्जिंग स्टेशन मार्कंड के निकट स्थापित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
400 स्कवेयर मीटर स्थान की जरुरत
बिलासपुर एसडीएम अभिषेक गर्ग का कहना है कि बिलासपुर जिला में छह चार्जिंग स्टेशन के स्थान का चयन कर लिया गया है। चार्जिंग स्टेशन निर्माण के लिए केवल 400 स्कवेयर मीटर स्थान की आवश्यकता होती है लेकिन वाहन खड़ा करने के लिए भी प्रबंध देखे गए हैं, ताकि वाहन चार्ज करते समय उन्हें पार्क करने की सुविधा भी हो।
चार्जिंग के लिए चयनित सभी स्थानों पर वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र की आवश्यकता नहीं होगी। इसलिए इन्हें जल्द तैयार किया जा सकता है। प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है। निर्देश आते ही प्रोजेक्ट पर काम शुरू कर दिया जाएगा।
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