शिमला: काजा खंड के तहत विश्व की सबसे ऊंची पंचायत लांगचा के तहत कॉमिक गांव में एक दिवसीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया। शिविर की अध्यक्षता सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण किन्नौर निशांत वर्मा ने की। उन्होंने कहा कि विधिक साक्षरता शिविरों के आयोजन का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ कानूनी तौर पर साक्षर बनाना भी है। इसके साथ ही प्राधिकरण की ओर से दी जा रही मुफ्त कानूनी सहायताओं के बारे में भी जागरूक करना है। उन्होंने लोगों से आपसी झगड़ों को पंचायत स्तर, मध्यस्थता और लोक अदालत के माध्यम से निपटाने पर बल दिया। शिविर में प्राधिकरण के सौजन्य से समाज के विभिन्न वर्गों को प्रदान की जा रही निशुल्क कानूनी सहायता के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। जागरूकता शिविर का उद्देश्य जिले के ऐसे सभी व्यक्ति जो आर्थिक दृष्टि से गरीब, पिछड़े और कमजोर वर्ग (अनुसूचित जाति, जनजाति), महिलाएं, असहाय, नाबालिग बच्चे, ऐसी महिलाएं और बुजुर्ग व्यक्ति जिनका कोई सहारा नहीं है और जिन्हें बुढ़ापे में अकेला छोड़ दिया जाता है, कानूनी अधिकारों से अवगत करवाना है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ऐसे व्यक्तियों को निशुल्क कानूनी सहायता, कानूनी सलाह और कानूनी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है। शिविर में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के बारे में विस्तृत रूप स्थानीय लोगों को बताया। शिविर में 39 लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर विशेष तौर पर खंड विकास अधिकारी डोलकर, ग्राम पंचायत प्रधान व स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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