शिमला : अंबुजा एवं एसीसी सीमैंट संयंत्र विवाद को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ हुई ट्रक ऑप्रेटर्ज की बैठक फिर बेनतीजा रही है। इसका कारण यह है कि प्रदेश के ट्रक ऑप्रेटर सीमैंट कंपनी की शर्तों के अनुसार काम करने को तैयार नहीं हैं, ऐसे में अब सरकार के पास कंपनी के खिलाफ नियमों के तहत कार्रवाई करने का विकल्प ही खुला है, जिसके संकेत पहले ही उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान दे चुके हैं। बैठक में सरकार ने ट्रक ऑप्रेटर्ज के सुझावों को सुना। सरकार की तरफ से ट्रक ऑप्रेटर्ज को यह भी आश्वासन दिया गया है कि वह उनके साथ है तथा स्थानीय लोगों के हितों की अनदेखी नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में भाग लेने के लिए ट्रक ऑप्रेटर्ज दोपहर बाद ही शिमला पहुंच गए थे। ट्रक ऑप्रेटर संघ के पूर्व प्रधान राम कृष्ण शर्मा ने बताया कि वह अपनी जायज मांग को लेकर आंदोलन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रक ऑप्रेटर्ज ने मामले का बातचीत से हल करने के लिए संवाद का क्रम जारी रखा है लेकिन कंपनी प्रबंधन अपनी मांगों पर अड़ा है।
अडानी ग्रुप से बात करें वर्ना सरकार अपना फैसला सुनाएगी
ट्रक ऑप्रेटर्ज ने बताया कि शिमला में मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अदानी ग्रुप की ओर से कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने मालभाड़े के रेट को लेकर 2 दिन का समय मांगा है। मुख्यमंत्री ने परिवहन सचिव को आदेश दिए कि अदानी ग्रुप के साथ बातचीत कर इस मसले को सुलझाएं। यदि तब भी बात नहीं बनती है तो सरकार इस पर अपना फैसला सुनाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा है कि 2 दिन के भीतर कंपनी प्रबंधन के साथ प्रदेश सरकार बात कर लेगी, जिसकी जानकारी ट्रक ऑप्रेटर्ज को दी जाएगी।
ट्रक ऑप्रेटर्ज ने मुख्यमंत्री को दी अपनी सहमति
उधर, बीडीटीएस प्रधान राकेश ठाकुर ने बैठक के बाद कहा कि मुख्यमंत्री के कहे अनुसार दो-तीन दिन इंतजार किया जाएगा। तब तक बीडीटीएस का पहले से जारी शांतिपूर्ण आंदोलन चलता रहेगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के प्रपोजल अनुसार ट्रक ऑप्रेटर्ज ने 10 रुपए 20 पैसे की दर तक सीमैंट भाड़े को घटाए जाने पर अपनी सहमति मुख्यमंत्री को दे दी है। फिलहाल ट्रक ऑप्रेटर्ज ने यह निर्णय लिया है कि वे 4 फरवरी को चक्का जाम नहीं करेंगे। अब शनिवार को आठों सभाओं की संयुक्त बैठक अंबुजा गेट के पास होगी।
…ताे एग्रीमैंट के अनुसार किराया वसूल करेंगे ऑप्रेटर्ज
बीडीटीएस के चेयरमैन लेखराम वर्मा ने कहा कि यदि अडानी ग्रुप सीमैंट ढुलाई किराए को कम करने को लेकर अपनी जिद्द में अड़ा है तो वह यह बात सुनश्चित कर ले कि अब ट्रक ऑप्रेटर्ज 30 वर्षों से चले आ रहे एग्रीमैंट के अनुसार किराया वसूल करेंगे। इसके लिए चाहे संघर्ष कितना भी लम्बा क्यों न हो जाए।
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