शिमला। हिमाचल प्रदेश में क्रिप्टो करेंसी ठगी मामलों (crypto currency fraud cases) की जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। जब्त किए रिकार्ड और दस्तावेजों के आधार पर अनुमान लगाया जा रहा है कि एक हजार करोड़ रुपये से अधिक की ठगी हुई है।
डीआइजी उत्तर रेंज अभिषेक दुल्लर की अध्यक्षता में गठित विशेष जांच दल (SIT) द्वारा की जांच में सामने आया कि पुलिस अधिकारियों (Himachal Police) व कर्मचारियों के निवेश ने लोगों को ठगों के जाल में फंसा दिया।
एसआइटी (SIT investigation) ने शनिवार को हिमाचल (Himachal Pradesh) सहित पंजाब (Punjab) व चंडीगढ़ (Chandigarh) में 35 ठिकानों पर दबिश देकर दस्तावेज़ों, संपत्ति रिकार्ड, मोबाइल फोन और अन्य डिजिटल उपकरण व महंगे वाहन जब्त किए थे।
जांच में मिले दस्तावेजों व जब्त रिकार्ड के आधार पर अनुमान
पुलिस कर्मचारियों व अधिकारियों के निवेश ने फंसाया लोगों को lएसआइटी ने हिमाचल सहित पंजाब में 35 स्थानों पर दी दबिश थी। 145 प्रतिशत तक रिटर्न की लालच में फंसे लोग क्रिप्टो करेंसी के इस मायाजाल में 145 प्रतिशत तक रिटर्न मिलने के लालच ने लोगों को फंसा दिया।
एक लाख रुपये के निवेश पर जब करीब ढाई लाख रुपये मिले तो लोगों ने उस राशि के साथ 15 प्रतिशत ब्याज पर 15-15 लाख रुपये कर्ज लेकर लगा दिया। अब ठगी का शिकार हो गए हैं।
अभी कई और सुराग हाथ लगने बाकी
क्रिप्टो करेंसी में अब भी निवेश कर रहे कुछ लोग क्रिप्टो करेंसी के नाम पर अब भी लोग लाखों रुपये का निवेश कर रहे हैं। इसका पता एसआइटी जांच और जब्त किए गए रिकार्ड के आधार पर लगा है। अभी कई और अहम सुराग हाथ लग सकते हैं।
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