आनलाइन हाजिरी लगाने को कहा तो वार्ड सदस्यों ने बीडीओ को भेजा सामूहिक त्यागपत्र
January 6th, 2023 | Post by :- | 13 Views

मंडी: सरकार मनरेगा कार्यों में पारदर्शिता लाने के लिए कई कदम उठा रही है लेकिन कई पंचायतों में सरकार के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है। इससे कार्य गुणवत्ताहीन होने के साथ फर्जीवाड़े के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसकी कई शिकायतें पंचायती राज विभाग के पास भी पहुंच रही हैं।

धर्मपुर विकास खंड की कोट पंचायत के उपप्रधान व वार्ड सदस्यों ने भी मनरेगा मजदूरों की आनलाइन हाजिरी लगाने के आदेश पर सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है। उन्होंने त्यागपत्र खंड विकास अधिकारी को भेज दिया है।

600 रुपये मानदेय में स्मार्टफोन संभव नहीं

वार्ड सदस्यों का कहना है कि कइयों के पास स्मार्ट फोन नहीं हैं और जिनके पास हैं उन्हें यह चलाना नहीं आता है। सरकार उन्हें 600 रुपये मानदेय देती है। इससे स्मार्ट फोन खरीदना संभव नहीं है। सरकार ने बिना जांच आदेश जारी किए हैं। कोट पंचायत का गठन 2000 में हुआ था और पंचायत में पांच वार्ड है।

वार्ड सदस्यों ने प्रधान पर भी मनमानी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पंचायत में वर्क व परचेज कमेटी का गठन नहीं हुआ है। सीमेंट ढुलाई का पैसा भी उन्हें जेब से देना पड़ रहा है।

बैठक बुलाकर मामला सुलझाने का प्रयास

सामूहिक त्यागपत्र देने वालों में उपप्रधान शांति स्वरूप, वार्ड सदस्य सुखदेव शर्मा, तेजवीर सिंह, कशमीरा देवी, रीना देवी व लता देवी शामिल हैं। शांति स्वरूप ने कहा कि विकास कार्यों में उन्हें व वार्ड सदस्यों को विश्वास में नहीं लिया जा रहा है और न ही किसी कमेटी का गठन हुआ है।

उपप्रधान व वार्ड सदस्यों के सामूहिक त्यागपत्र के बाद प्रधान ने आनन फानन में बैठक बुलाकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया। उन्होंने उपप्रधान व वार्ड सदस्यों से त्यागपत्र वापस लेने का आग्रह किया।

शांति स्वरूप, उपप्रधान, कोट पंचायत का कहना है कि पंचायत में वर्क व परचेज कमेटी का गठन नहीं हुआ है और मर्जी से काम हो रहा है। आनलाइन हाजिरी लगाने के आदेश से वार्ड सदस्य भी नाराज हैं और सबने सामूहिक त्यागपत्र दे दिया है। वहीं रीना कुमारी, प्रधान, कोट पंचायतकहती हैं कि कुछ बातों पर उपप्रधान व वार्ड सदस्यों के साथ गलतफहमी हुई थी। मामले को सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है।

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