केलांग : जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के जाहलमा नाले में बाढ़ आने के कारण जोबरंग के नीचे दारा पहाड़ी के पास चिनाब नदी का बहाव रुक गया। जाहलमा नाले में रात के समय 6 बार भारी बाढ़ आई, जिसमें मलबा व पत्थर भी आए। इससे नदी का बहाव रुक गया। सुबह के समय पानी रुकने से नदी में झील बनती गई तथा नदी किनारे के खेत भी पानी में डूबे गए। सुबह 6 से 11 बजे के बीच नदी का पानी रुका रहा। इस दौरान जोबरंग के पुराने पुल तक पानी पहुंच गया। हालांकि इस स्थान पर नया पुल बना हुआ है, जिससे राहगीरों को खतरे की कोई बात नहीं थी।
हालिंग व जसरथ के किसानों को हुआ नुक्सान
जोबरंग के पूर्व प्रधान सोमदेव योकि और फुडा गांव के गोविंद ने बताया कि झील बनने से जसरथ से आगे उदयपुर तक नदी किनारे बसे लोगों को खतरा पैदा हो गया था। 10 बजे के बाद पानी ने अपना रास्ता बनाना शुरू किया और 2 बजे तक पानी का स्तर कम हो गया। नदी का बहाव तेज होने से हालिंग व जसरथ के किसानों की नदी किनारे की जमीन बह गई। जाहलमा के ग्रामीणों रणवीर, जगदीश व राजेश ने बताया कि सोमवार शाम को जाहलमा नाले में रात भर बाढ़ आने का क्रम चलता रहा। मलबा व पत्थर आने से जाहलमा पुल को भी खतरा हो गया था, बाढ़ से कूहलें टूट गई हैं लेकिन पुल सुरक्षित है। देर रात तक पानी की जोरदार आवाजें सुनाई देती रहीं। उधर, डीसी लाहौल-स्पीति सुमित खिमटा ने कहा कि बाढ़ आने के कारण चंद्रभागा नदी में मलबा भरने व जलभराव होने से नदी का जलस्तर बढ़ गया है। नदी ने अपना रास्ता बना लिया है और स्थिति सामान्य होने लगी है। जाहलमा से तिंदी के बीच सभी को सूचित कर दिया था।
तकनीकी शिक्षा मंत्री ने किया बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा
तकनीकी शिक्षा मंत्री डाॅ. रामलाल मारकंडा ने मंगलवार को लाहौल-स्पीति विधानसभा क्षेत्र के जाहलमा नाले में अचानक से बाढ़ आने के कारण चंद्रभागा नदी में मलबा भरने व जलभराव से प्रभावित होने वाले क्षेत्रों जोबरंग, जाहलमा, जसरथ, फूड़ा और हालिंग का दौरा किया तथा बाढ़ प्रभावित लोगों से भी मिले। डा. मारकंडा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि बाढ़ से हुए नुक्सान का तुरंत आकलन करें ताकि प्रभावितों को सहायता उपलब्ध कारवाई जा सके। इस दौरान मंत्री ने लोगों की समस्याएं भी सुनीं। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे।
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