मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना शुरू, 2700 बच्चों को हर माह मिलेंगे चार-चार हजार रुपये #
October 3rd, 2023 | Post by :- | 8 Views

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने मंगलवार को अनाथ, विशेष रूप से सक्षम बच्चों, निराश्रित महिलाओं और वृद्धजनों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना की औपचारिक शुरुआत की। शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश अनाथ बच्चों एवं अन्य वंचित वर्गों की मदद के लिए कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। सुक्खू ने अनाथ बच्चों के साथ भोजन भी किया। योजना के पात्र बच्चों को 4.68 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना के तहत नए चिह्नित करीब 2700 अनाथ बच्चों को भी 27 वर्ष की आयु पूर्ण होने तक चार-चार हजार रुपये मासिक वित्तीय मदद दी जाएगी। ये बच्चे अपने रिश्तेदारों के साथ रह रहे हैं।

इस दौरान उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे 48 बच्चों को फीस और छात्रावास व्यय के रूप में 15.52 लाख रुपये तथा मासिक व्यय के रूप में 11.52 लाख, विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में अध्ययनरत 17 अनाथ बच्चों को 7.02 लाख रुपये फीस तथा 4.08 लाख रुपये मासिक व्यय का वितरण किया। मुख्यमंत्री ने पालक देखभाल एवं प्रायोजन (फोस्टर केयर) के तहत 1106 लाभार्थियों को 2.65 करोड़ रुपये के वित्तीय लाभ हस्तांतरित किए। बाल देखभाल संस्थानों के बारहवीं कक्षा के 30 मेधावी बच्चों को दसवीं कक्षा में बेहतर प्रदर्शन के लिए लैपटॉप प्रदान किए गए। दूसरे चरण में 10वीं तथा 12वीं कक्षा के 268 बच्चों को लैपटॉप दिए जाएंगे। उन्होंने लघु एवं सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए तीन लाभार्थियों को छह लाख रुपये का आवंटन भी किया।

इस अवसर पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री प्रोफेसर चंद्र कुमार, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, विधायक केवल सिंह पठानिया, हिमाचल प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास निगम के उपाध्यक्ष विशाल चंबियाल, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान व उपमहापौर उमा कौशल, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता सचिव एम सुधा देवी, निदेशक महिला एवं बाल विकास रूपाली ठाकुर, प्रदेश कांग्रेस सेवा दल के प्रमुख अनुराग शर्मा सहित कई अन्य गण्यमान्य उपस्थित रहे।

चुनौतियों के बावजूद सरकार ने पूरा किया संकल्प
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कहा कि इसी रिज मैदान पर शपथ लेने के बाद वह बतौर मुख्यमंत्री सचिवालय के बजाय टुटीकंडी स्थित बालिका आश्रम पहुंचे और वहीं उन्हें इन वर्गों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस तरह की योजना का विचार आया। उन्होंने कहा कि विभिन्न वित्तीय चुनौतियों और हाल ही में आई आपदा के बावजूद प्रदेश सरकार ने इस योजना को आरंभ करने का अपना संकल्प पूरा किया है।

परिचारिका और मैट्रन का भी किया है प्रावधान
सरकार ने योजना में मातृत्व देखभाल की आवश्यकता वाले प्रत्येक बच्चे के लिए एक परिचारिका और प्रत्येक बढ़ते तीन बच्चों के लिए एक मैट्रन का प्रावधान किया है। योजना के अंतर्गत अनाथ बच्चों को वार्षिक आधार पर 15 दिवसीय अध्ययन भ्रमण करवाया जाएगा। उन्हें तीन सितारा होटलों में ठहराने सहित उनकी हवाई यात्रा तथा अन्य व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। लाभार्थियों को 10 हजार रुपये वस्त्र भत्ता, 500 रुपये उत्सव अनुदान और 2 लाख रुपये विवाह अनुदान का भी प्रावधान है। उच्च शिक्षा के लिए यह बच्चे एक लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता के लिए पात्र हैं और उन्हें 4000 रुपये प्रतिमाह जेब खर्च भी दिया जाएगा।

स्वरोजगार के लिए दिया जाएगा दो लाख तक अनुदान
योजना के तहत स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने को लघु एवं सूक्ष्म उद्योग की स्थापना के लिए 2 लाख रुपये तक का अनुदान प्रदान किया जाएगा। सरकार का भूमिहीन अनाथ बच्चों को गृह निर्माण के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में तीन बिस्वा भूमि और शहरी क्षेत्रों में दो बिस्वा भूमि तथा तीन लाख रुपये की वित्तीय सहायता का भी प्रस्ताव है।

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