शहर के चुनावों में माकपा अस्तीत्व की लड़ेगी जंग, आप तलाशेगी सियासी जमीन
April 14th, 2023 | Post by :- | 195 Views

शिमला: नगर निगम शिमला के 34 वार्डों के लिए चुनाव दो मई को होगा। इस चुनाव में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। वहीं आम आदमी पाटी (आप) शिमला में सियासी जमीन तलाश रही है।

माकपा ने वर्ष 2012 में महापौर व उपमहापौर का चुनाव जीता था। उस समय महापौर व उपमहापौर का प्रत्यक्ष चुनाव हुआ था। सीधे जनता ने इन्हें चुना था। इसी साल माकपा ने इन दो पदों के अलावा माकपा के तीन पार्षद मल्याणा , समरहिल व कैथू वार्ड से जीतकर पहुंचे थे।

समरहिल वार्ड में शुरू से ही लगातार माकपा प्रत्याशी जीतते रहे

वर्ष 2017 में हुए चुनाव में माकपा की एक ही पार्षद जीती थीं, वे भी बाद में भाजपा में शामिल हो गई थीं। समरहिल वार्ड में शुरू से ही लगातार माकपा प्रत्याशी जीतते रहे। विवि होने के कारण छात्र संगठन के दम पर माकपा का दावा यहां से हर बार मजबूत रहा है। 2017 में माकपा के दो प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे। इस बार माकपा को भी फिर से तीन से चार पार्षदों की उम्मीद है। पार्टी इसमें कितना सफल होती है, .ये तो समय ही तय करेगा, लेकिन माकपा को अस्तीत्व बचाने के लिए ज्यादा मेहनत करना पड़ेगी।

आप इस बार पहली बार नगर निगम शिमला का चुनाव लड़ेगी

आप इस बार पहली बार नगर निगम शिमला का चुनाव लड़ेगी। शिमला में आप अपनी सियासी जमीन तलाश रही है। प्रदेश में पिछले वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में आप को सफलता हासिल नहीं हुई थी। माकपा को कपा को 2017 में बड़ा झटका लगा।

पार्टी समरहिल सीट ही जीत सकी। हालांकि इससे पहले पार्टी के पास मल्याणा से लेकर कैथू वार्ड तक में पार्षद रहे हैं। एक ही सीट पर जीत हासिल कर पाई माकपा को पार्षद ने जीतने के बाद भाजपा में जाकर फिर से झटका दे दिया।

माकपा 34 वार्डों में प्रत्याशी उतारने का कर रही दावा

इस बार भी माकपा दावा तो 34 वार्डों में प्रत्याशी उतारने का कर रही है। अभी तक 4 वार्डों में ही अपने प्रत्याशी उतार सकी है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी शिमला नगर निगम के चुनावों में अपना प्रत्याशी तलाशने के लिए सभी वार्डों में प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी अभी 3 वार्डों में ही प्रत्याशी उतार पाई है। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने हिमाचल विधानसभा का चुनाव लड़ा था। उन्हें उसमें कोई बड़ी सफलता नहीं मिली।

अन्य सभी प्रत्याशियों की चुनावों में जमानत तक गवानी पड़ी

आम आदमी पार्टी के विधायक के प्रत्याशी दो से तीन ही 5000 के लगभग के आंकड़े को पार कर सके। इसके अलावा अन्य सभी प्रत्याशियों की चुनावों में जमानत तक गवानी पड़ी। अब नगर निगम के चुनावों में आम आदमी पार्टी ने अपना भविष्य आजमाया है। पहली बार वे शहर के इस चुनावी समर में उतरी है। सभी की नजरें बड़े दलों के साथ आप के प्रत्याशियों के प्रदर्शन पर भी रहेगी।

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