105 वर्ष के हुए भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी, कल्पा में केक काटकर मनाया जन्मदिन #news4
July 1st, 2022 | Post by :- | 106 Views

रिकांगपिओ  : स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी ने शुक्रवार को अपने परिवार के सदस्यों व जिला प्रशासन किन्नौर के साथ अपना 105वां जन्मदिन मनाया। इस अवसर पर डीसी किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने देश के प्रथम मतदाता श्याम सरन नेगी का 105वां जन्मदिन मनाने के लिए विशेष प्रबंध किए थे तथा श्याम सरण ने केक काटकर जन्मदिन मनाया। डीसी किन्नौर ने प्रथम मतदाता को बधाई दी तथा उनके भविष्य के लिए स्वस्थ व दीर्घायु की कामना की। उन्होंने इस अवसर पर कहा कि हम सभी किन्नौरवासी सौभाग्यशाली हैं कि स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी किन्नौर जिला से संबंधित हैं। वह न केवल किन्नौर, प्रदेश बल्कि देश की शान हैं व सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं।

श्याम सरण नेगी ने स्वतंत्र भारत में अब तक हुए सभी चुनाव जिनमें लोकसभा, विधानसभा व पंचायत चुनाव शामिल हैं, में मतदान किया है। वहीं इस अवसर पर श्याम सरण नेगी ने भी उनके जन्मदिन पर दिए गए इस सम्मान के लिए जिला प्रशासन का धन्यवाद किया। इस अवसर पर उनके साथ परिवार के सदस्यों सहित डीसी आबिद हुसैन सादिक, पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न, उपमंडलाधिकारी कल्पा डाॅ. मेजर शशांक गुप्ता, जिला परिषद सदस्य कल्पा सरिता कुसान, जिला किन्नौर भारतीय जनता पार्टी के महासचिव यशवंत नेगी, प्रधान ग्राम पंचायत कल्पा सरिता नेगी, नायब तहसीलदार (निर्वाचन) इंद्र सिंह व अन्य उपस्थित थे।

कैसे बने देश के पहले मतदाता
1 जुलाई, 1917 को जिला किन्नौर के कल्पा में जन्मे मास्टर श्याम सरन नेगी ने जब पहली बार अपने मत का प्रयोग किया था तो उसमें वह बतौर अध्यापक सेवाएं दे रहे थे तथा उनकी ड्यूटी भी चुनावों में लगी हुई थी। भारत के स्वतंत्र होने के बाद पहले आम चुनाव फरवरी 1952 में होने थे परंतु जिला किन्नौर में मौसम बर्फबारी को देखते हुए 5 माह पहले ही सितम्बर 1951 में चुनाव करवा दिए गए थे। मतदान के दिन मास्टर श्याम सरण नेगी सुबह ही कल्पा बूथ पर पहुंच गए तथा वहां ड्यूटी दे रहे पोलिंग ऑफिसर से कहा कि मैंने भी ड्यूटी देने जाना है, इसलिए आप मेरा वोट डलवा दो तभी उन्होंने श्याम सरण नेगी का वोट डलवाया, तभी से उन्हें देश के पहले मतदाता बनने का गौरव प्राप्त है। 105 वर्षीय मास्टर श्याम सरण नेगी ने 1951 के बाद हुए हर आम चुनावों में अपने मत का प्रयोग किया है।

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