हमीरपुर : उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल में आई आपदा में भी राजनीति के कीड़े का दिमाग चलाने वाले भाजपा के यह वही लोग हैं जोकि किसी समय स्टेट हुड, मारो ठुड के नारे लगाते थे। भाजपा के नेताओं में मानवता का रत्ती भर भी अंश नहीं बचा है। भाजपा के हाथों से एक के बाद एक राज्य फिसलता जा रहा है। उसी की बौखलाहट है कि केंद्र सरकार ने हिमाचल की मदद करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। यह बात उन्होंने परिधि गृह हमीरपुर में आयोजित प्रैस वार्ता में कही। मुकेश अग्निहोत्री ने पूर्व सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र ने तो मदद के लिए हाथ नहीं बढ़ाया लेकिन अफसोस इस बात का है कि प्रदेश में विपक्ष ने भी मुसीबत की इस घड़ी में प्रदेश वासियों का साथ छोड़ दिया। विधानसभा सत्र में आपदा राहत को लेकर प्रदेश सरकार केंद्र सरकार को देने के लिए प्रस्ताव लेकर आई तो विपक्ष ने उसे समर्थन तक नहीं दिया। इस प्रस्ताव में प्रदेश के 16 हजार प्रभावित परिवारों सहित अन्य नुक्सान के लिए राहत की मांग केंद्र से की गई थी।
पूर्व भाजपा सरकार में जमकर कुप्रबंधन हुआ
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश के हजारों परिवारों की आंखों में आंसू हैं। उनके जख्मों पर मरहम लगाने के लिए प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों से सरकारी खजाने से 4500 करोड़ रुपए की राहत राशि जारी की है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार में जमकर कुप्रबंधन हुआ है। 92000 करोड़ रुपए की देनदारियां पूर्व सरकार ने छोड़ी हैं। 15वें वित्तायोग के समक्ष भी पूर्व जयराम सरकार ने हिमाचली हितों की सही ढंग से पैरवी नहीं रखी थी, जिस कारण प्रदेश को आर्थिक रूप से नुक्सान उठाना पड़ा। उन्होंने कहा कि 15वें वित्तायोग के तहत 1000 करोड़ रुपए कांगड़ा एयरपोर्ट, 400 करोड़ मंडी एयरपोर्ट व ज्वालाजी मंदिर के लिए 20 करोड़ रुपए अभी मिलना शेष हैं। पंजाब पुनर्गठन के तहत पैसा मिलना अभी बाकी है। केंद्र ने कर्ज की सीमा घटा दी है। ऐसी विषम परिस्थितियोंं में भी प्रदेश सरकार जनता के हितों के मद्देनजर फैसले ले रही है। इस अवसर पर उनके साथ हमीरपुर के विधायक आशीष शर्मा व जिलाधीश हेमराज बैरवा भी उपस्थित थे।
बख्शे नहीं जाएंगे खालिस्तानी नारे लगाने वाले
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल एक शांतिप्रिय प्रदेश है। यहां पर खालिस्तानी नारे लगाने वाले व ऐसी गतिविधियां कतई बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। उन्होंने कहा कि पहले भी ऐसे मामले में सख्त कार्रवाई अमल में लाई गई थी तथा अब भी सरकार कठोर कदम उठाएगी।
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे [email protected] पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।