मंडी : मनाली-चंडीगढ़ फोरलेन के निर्माण की जद में आ रहे भवनों को गिराने का काम मंगलवार को उपायुक्त की देखरेख में आरंभ हो गया। यह वह भवन थे जिनके मालिकों को मुआवजा तो मिल गया था, लेकिन वह भवनों को खाली नहीं कर रहे थे। प्रशासन ने 289 ऐसे भवन चिन्हित किए हैं, जिनको 19 मार्च से पहले गिराना है। पहले दिन 35 के करीब भवन तोड़े गए हैं।
कार्रवाई होते ही हटाया सामान
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) की उपायुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ दस मार्च को हुई बैठक के बाद संबंधित एसडीएम ने लोगों को नोटिस जारी कर भवन खाली करने के लिए कहा था। समय अविध पूरी होने पर मंगलवार को जब विभाग व एनएचएआइ की टीमें मौके पर पहुंची तो कुछ लोगों ने भवन खाली नहीं किए थे, लेकिन कार्रवाई होते ही उन्होंने अपना सामान हटा दिया। कार्रवाई को उपायुक्त अरिंदम चौधरी और एसडीएम सुंदरनगर की देखरेख में गुटकर से सुंदरनगर की ओर आरंभ किया गया है।
आगे भी जारी रहेगी कार्रवाई
उपायुक्त के निर्देशों पर पहले इन भवनों को दिए गए बिजली और पानी के कनेक्शन काट दिए गए। जिन भवनों को गिराया जाना है उसमें सदर मंडी में 41, बल्ह में 23, बालीचौकी में 45 और सुंदरनगर में 170 मकान शामिल हैं। पहले दिन 25 के करीब भवनों को गिराया गया है। एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रामौत्रा ने बताया कि पहले दिन 35 के करीब भवनों को तोड़ा गया है, कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
मुआवजा मिलने के बाद भी खाली नहीं किए भवन
उपायुक्त मंडी, अरिंदम चौधरी ने कहा कि चंडीगढ़-मनाली फोरलेन के कार्य में बाधा बन रहे भवनों को गिराने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। करीब 289 ऐसे भवन हैं, जिनके मालिकों को मुआवजा मिल चुका है लेकिन इनको खाली नहीं किया गया है। संबंधित एसडीएम की देखरेख में 19 मार्च तक इस कार्रवाई को पूरा किया जाएगा।
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