मंडी : मंडी के सेरी मंच पर शनिवार को स्माइल हिमाचल संस्था द्वारा छोटी काशी महोत्सव का आयोजन किया गया। इस महोत्सव का शुभारंभ एसडीएम सदर रितिका जिंदल ने किया। उन्होंने कहा कि छोटी काशी महोत्सव का आयोजन जिला मंडी की प्राचीन परंपरा, संस्कृति व विरासत को सहेजने के उद्देश्य से किया गया। यह महोत्सव तीन साल के बाद मनाया गया। पहले इसे प्रत्येक वर्ष मनाया जाता था परन्तु कोरोना के कारण यह पिछले कुछ वर्षों से आयोजित नहीं किया गया था। महोत्सव में संगीत सदन मण्डी द्वारा सोलह संस्कार व लुड्डी, कृष्णा वूल उद्योग द्वारा मंडी की संस्कृति को दर्शाता फैशन शो, सिराज स्टूडैन्ट वैल्फेयर एसोसिएशन द्वारा सिराजी नाटी प्रस्तुत की गई।
पारम्परिक व्यंजनों के लगाए गए स्टाल
भारतीय सांस्कृतिक निधि (इन्टैक) द्वारा सेरी में मंडी के प्राचीन व पारम्परिक पकवानों का स्टाल भी लगाया गया। इस स्टाल में भटाबरू, घयोर, ठण्स्सया (दंद कड़ाका), सगोती, लाड्डू, चुड़ का साग, कत्तीरे गोंदा रा फलूदा, भल्ले बाबरू आदि व्यंजन प्रदर्शित किए गए। स्थानीय जनता ने इन व्यंजनों का लुफ्त उठाया और बताया कि इस व्यंजनों में से कुछ ऐसे भी हैं जो उन्होंने पहली बार चखे और उन्हें बहुत स्वादिष्ट लगे। उन्होंने बताया कि समय के साथ इन व्यंजनों को भूला दिया गया है परन्तु ऐसे कार्यक्रम से हमें अपनी परम्परा को जानने और सहेजने का मौका मिलता है।
प्रदर्शनियां बनी आकर्षण का केंद्र
इसके साथ ही राजेश कुमार द्वारा बनाई गई मंडी कलम पर आधारित पेंटिंग प्रदर्शनी व हिमाचल दर्शन फोटो गैलरी एक झलक द्वारा विभिन्न छायाचित्रों को भी प्रदर्शित किया गया।साथ ही लोगों को ब्लैसिंग हैंडलूम ज्वैलरी व पहाड़ी भाषा की टांकरी लिपि से अवगत कराने के लिए प्रदर्शनी लगाई गई।
हैरिटेज वाॅक का भी आयोजन
छोटी काशी महोत्सव के बाद हैरिटेज वाॅक का भी आयोजन किया गया जो सेरी मंच, अर्धनारिश्वर मन्दिर, विक्टोरिया पुल होते हुए पंचवक्त्र मंदिर तक निकाली गई। वाॅक में एसडीएम सदर रितिका जिंदल, तहसीलदार एवं अतिरिक्त पर्यटन अधिकारी विजय वर्धन, आईएएस प्रोबेशनर ईशान्त जसवाल और नेत्रा मेती, जिला भाषा अधिकारी प्रोमिला गुलेरिया, स्माइल हिमाचल संस्था के संस्थापक निखिल वालिया, सिराज स्टूडैंट वैल्फेयर एसोसिएशन सहित एनएसएस की छात्राओं व मंडी शहर के निवासियों ने भाग लिया।
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