हिमाचल प्रदेश में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग (एनटीटी) करवाने वाले सभी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने इन संस्थानों के संबंध में फील्ड से ब्योरा जुटाना शुरू कर दिया है। आयोग को शिकायतें मिली हैं कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजूकेशन (एनसीटीई) से मान्यता लिए बिना दर्जनों शिक्षण संस्थान नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करवा रहे हैं। बीते दिनों ही आयोग ने आठ संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनकी ओर से जारी डिप्लोमा अवैध करार दिए हैं।
नौ अन्य संस्थानों के खिलाफ आयोग की जांच जारी है। एनसीएफएसई ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन जीरकपुर (पंजाब) के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर आयोग ने बीते दिनों कड़ी कार्रवाई करते हुए एनटीटी करने के लिए इस इंस्टीट्यूशन से एमओयू करने वाले प्रदेश के आठ संस्थानों के डिप्लोमा अवैध बताए हैं। इंस्टीट्यूशन पर 34,05,480 रुपये का जुर्माना लगाया है। आठ संस्थानों से डिप्लोमा करने वाले सभी विद्यार्थियों को नौ फीसदी ब्याज के साथ फीस भी लौटाने को कहा है।
इस कड़ी कार्रवाई के आदेश जारी होते ही प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों से आयोग के पास बिना एनसीटीई से मान्यता लिए नर्सरी टीचर ट्रेनिंग करवाने वाले संस्थानों की सूचनाएं पहुंचने लगी हैं। अब जल्द ही इन संस्थानों का ब्योरा एकत्र होते ही आयोग की ओर से इनसे जवाबतलबी की जाएगी। अगर यह संस्थान एनटीटी करवाने के लिए ली गई मंजूरियों से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके तो इनके खिलाफ आयोग की अदालत में मामला चलाया जाएगा। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल सेवानिवृत्त अतुल कौशिक ने बताया कि कुछ संस्थानों की जानकारी मिल गई है। अन्य के संदर्भ में फील्ड से ब्योरा एकत्र किया जा रहा है।
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