हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला-शिमला राष्ट्रीय राजमार्ग पर घाघस से तीन किलोमीटर शिमला की तरफ मंगरोट में एक व्यक्ति ने अपना खोखा हटाने से इनकार कर दिया है। उन्होंने यह जमीन उनकी होने का दावा किया है। कहा है कि साल 2009 में यह जमीन उनकी मां के नाम निकली थी। कहा कि कागजों के हिसाब से एनएच उनकी जमीन से करीब 15 फीट दूर है। उच्च न्यायालय के आदेशों के बाद लोक निर्माण विभाग ने एनएच के किनारे से रेहड़ी-फड़ी वालों को हटा दिया था। इस कार्रवाई में मंगरोट के राजनकांत का खोखा भी हटा दिया गया। अब राजनकांत ने अपने खोखे को एनएच पर रख दिया है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी हाल में खोखे को नहीं हटाएंगे। उन्होंने कहा कि कुछ साल पहले सड़क हादसे में वह बुरी तरह घायल हुए थे। उनकी टांग फ्रेक्चर हो गई थी।
तब से घर के पास खोखा लगाने लगे। 25 साल से अंडा, ब्रेड और अन्य दिनचर्या की वस्तुएं बेचकर परिवार का पालन-पोषण कर रहे थे। अब खोखा हटाने के बाद रोजी-रोटी पर बन आई है। परिवार में तीन बच्चे, बूढ़ी माता और पत्नी हैं। कहा कि वह दिहाड़ी मजदूरी लगाने में भी असमर्थ हैं। राजनकांत ने कहा कि उन्होंने एनएच की जमीन से अपना अतिक्रमण हटा लिया है। अब एनएच उनकी जमीन से अतिक्रमण हटाए। उन्होंने कहा कि अब लोनिवि उन्हें कह रहा है कि जहां से खोखा हटाया है, वहीं लगा दो, लेकिन उन्होंने कहा कि जब मेरे पास अपनी जमीन है तो मैं अतिक्रमण क्यों करूं। अथॉरिटी उस जमीन का मुआवजा दे।
देर रात पहुंचा प्रशासन
एनएच पर रखे खोखे हटाने के लिए वीरवार देर रात को जिला प्रशासन के अधिकारी और सदर पुलिस मौके पर गई थी। खोखा धारक परिवार के साथ लंबे समय तक वार्ता हुई, लेकिन परिवार ने जमीन के सारे दस्तावेज उन्हें दिखाए और खोखा हटाने को मना किया।
एनएच पर कई जगह अप्रूव्ड रोड अलाइमेंट में अनियमितता की आशंका
घाघस से आगे एनएच पर मंगरोट में अलाइनमेंट में अनियमितता का मामला सामने आने के बाद खुलासा हुआ है कि अन्य कई जगह भी इस परियोजना की अलाइनमेंट में अनियमितता है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार कई जगह ऐसी स्थिति है, जहां जमीन का अधिग्रहण कहीं और हुआ है और हाईवे कहीं और जगह बना है। राजस्व विभाग की जांच के बाद सारी स्थिति स्पष्ट होगी।
प्रशासन खोखा धारक से बात कर रहा है। संबंधित अथॉरिटी को भी इस मामले को निपटाने के आदेश दिए गए हैं। कोशिश की जा रही है कि मामले को जल्द निपटाया जाए।
– पंकज राय, उपायुक्त
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