हिमाचल के शीत मरुस्थल लाहुल घाटी में आमतौर अप्रैल तक टिकी रहने वाली बर्फ इस बार तापमान बढऩे से समय से पहले ही पिघलने लगी है। घाटी के तापमान असामान्य रूप से बढ़ रहा है। मार्च लाहुल घाटी में सर्दी का महीना होता है जब न्यूनतम और अधिकतम तापमान क्रमश: शून्य से पांच और पांच डिग्री सेल्सियस नीचे रहता है। इस माह बारिश या हिमपात नहीं हुआ है और दिन में तेज धूप रहती है। दो सप्ताह से तापमान में अचानक वृद्धि हुई है। तापमान बढऩे के साथ ही बर्फ भी तेजी से गायब हो रही है।
स्थानीय निवासियों की मानें तो उन्होंने इतनी तेज गति से बर्फ पिघलते हुए कभी नहीं देखी। ग्रामीण दोरजे, टशी, राहुल व रमेश ने बताया कि ग्रामीण फसलों की बिजाई के लिए खेतों में मिट्टी डालकर बर्फ हटाते थे। लेकिन इस बार समय से पहले ही बर्फ गायब होने लगी है। उन्होंने कहा कि घाटी में जनवरी व फरवरी में लगातार हिमपात का क्रम चला है लेकिन 28 फरवरी के बाद घाटी में बर्फ के फाहे नहीं गिरे हैं। ग्रामीणों ने कहा कि मार्च में हिमपात न होने से उनकी चिंता बढ़ गई है। केलंग सहित मनाली में भी तापमान में बढ़ोतरी हुई है। फरवरी के बाद घाटी में बारिश न होने से किसान बागवान चिंतित हैं।
दूसरी ओर केलंग में अधिकतम तापमान 28 फरवरी को शून्य से 0.1 डिग्री सेल्सियस नीचे था, जो छह मार्च को 4.2 डिग्री सेल्सियस और 11 मार्च को 11.8 डिग्री सेल्सियस था। 19 मार्च को तापमान 13.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था और 21 मार्च को यह 11.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार इस बार अधिकतम तापमान में छह से सात डिग्री जबकि न्यूनतम तापमान में भी तीन से चार डिग्री बढ़ोतरी हुई है।
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