प्रदेश के सरकारी स्कूल अब जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार पर ही निर्भर नहीं रहेंगे। इसमें शिक्षा संवाद के साथ अब प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों को विद्यांजलि योजना में शामिल किया जा रहा है। इसमें अभिभावकों के साथ क्षेत्र के समाजसेवियों को भी स्कूलों के साथ जोड़ा जा रहा है। इनके सहयोग से विद्यालयों में शिक्षक, सामग्री, उपकरण जैसी आवश्यकताएं निजी क्षेत्र से भी पूरी की जा सकेंगी।
इसके अलावा विद्यार्थियों को हिमाचल संस्कृति समेत अन्य पारंपरिक गतिविधियों की जानकारी देने के लिए भी स्थानीय बुद्धिजीवियों को भी शामिल किया जाएगा। विद्यांजलि के तहत स्वयंसेवक और सेवा प्रदाता स्कूल में इलेक्ट्रिक, डिजिटल सह शैक्षणिक गतिविधि के उपकरण, खेलकूद, योग, स्वास्थ्य और सुरक्षा सामग्री, शिक्षण अधिगम सामग्री आदि दान स्वरूप उपलब्ध करा सकेंगे।
स्वयंसेवक स्कूल के कार्यालय में फर्नीचर और स्टेशनरी भी दे सकते हैं। इससे पहले इस योजना को प्रदेश में पायलट रूप में चलाया गया था। ट्रायल सफल होने के बाद अब सभी स्कूलों को इसमें शामिल किया जाएगा। इस योजना से जुड़ने के लिए स्कूलों को पंजीकरण भी करवाना होगा।
डाइट प्राचार्य एवं परियोजना अधिकारी समग्र शिक्षा जिला सोलन डॉ. शिव कुमार शर्मा ने बताया कि योजना के तहत अध्यापकों के साथ क्षेत्र के बुद्धिजीवियों को शामिल किया जा रहा है। इन दिनों आपदा के दौरान स्कूलों को भी काफी क्षति हुई है। ऐसे में लोगों और संस्थाओं के सहयोग से स्कूलों की जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है।
यह स्वयंसेवी विद्यालय के लिए आवश्यक सामग्री के साथ शिक्षा ज्ञान भी देंगे। इससे विद्यार्थी अपनी संस्कृति के बारे में भी जान सकेंगे। इसमें ऑनलाइन पोर्टल पर स्वयंसेवी का पंजीकरण और उनके योगदान को भी दर्शाया जाएगा।
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