इस फाइनेंसियल ईयर (2019-20) में अब टैक्स सेविंग के लिए आपके पास चंद दिन ही बचे हैं। अगर 31 मार्च 2020 से पहले आपको अपने सारे टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट कर लेने चाहिए। नए या पुराने टैक्स स्लैब के लिए एनपीएस एक बेहतरीन विकल्प है। आप अपने टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का अधिक से अधिक लाभ उठाने के लिए सेक्शन 80CCD(1b) के तहत नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में अलग से 50,000 रुपये इन्वेस्ट कर सकते हैं, लेकिन याद रखें कि NPS में बहुत लम्बे समय तक इन्वेस्ट करना पड़ता है। इसलिए, NPS में सिर्फ तभी इन्वेस्ट करें यदि आपको इन्वेस्ट किए जाने वाले पैसे की तत्काल जरूरत न हो और यदि यह आपके रिटायरमेंट लक्ष्य के अनुकूल हो।
EPF एक बहुत सुरक्षित साधन
यदि आखिरी समय में टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की प्लानिंग करते समय, इन्वेस्टमेंट से जुड़ा जोखिम आपके लिए एक बड़ी चिंता का विषय है तो एम्पलॉयीज’ प्रोविडेंट फंड आपके लिए एक आकर्षक ऑप्शन हो सकता है। EPF एक बहुत सुरक्षित साधन है जिस पर फ़िलहाल 8.6% प्रति वर्ष की दर से इंटरेस्ट मिल रहा है जो कई लोकप्रिय टैक्स सेविंग प्रोडक्ट्स जैसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर मिलने वाले इंटरेस्ट से काफी अधिक है। आप इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत मिलने वाले 1.5 लाख रु. तक के टैक्स डिडक्शन बेनिफिट का भरपूर लाभ उठाने के लिए बचे हुए अमाउंट को इसमें इन्वेस्ट कर सकते हैं।
EPF के तहत मिनिमम इन्वेस्टमेंट लिमिट से ज्यादा इन्वेस्टमेंट, वोलंटरी प्रोविडेंट फंड (VPF) में इन्वेस्ट करके किया जा सकता है। EPF और VPF दोनों पर एक जैसा रिटर्न बेनिफिट मिलता है। इसके अलावा, EPF/VPF में किया जाने वाला इन्वेस्टमेंट, टैक्सेशन की दृष्टि से EEE केटेगरी के अंतर्गत आता है, कहने का मतलब है कि इसमें इन्वेस्ट किए जाने वाले अमाउंट, इस पर मिलने वाले इंटरेस्ट और मैच्योरिटी के समय मिलने वाले रिटर्न अमाउंट, तीनों पर टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा, आप VPF में अपनी बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 100% अमाउंट तक इन्वेस्ट कर सकते हैं।
एक बात का ध्यान रखें कि EPF अमाउंट को रिटायरमेंट से पहले सिर्फ किसी खास जरूरत जैसे लम्बे समय से बेरोजगार रहने, अपनी, अपने बच्चों की या भाई/बहन की शादी, अपने या बच्चों के हायर एजुकेशन, घर बनाने, कोई मेडिकल इमरजेंसी, इत्यादि के लिए निकाला जा सकता है यदि आप अन्य नियमों एवं शर्तों को पूरा करते हैं।
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