धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश में लंबे समय से सेंट्रल यूनिवर्सिटी के भवन निर्माण को लेकर खींचतान जल्द ही खत्म हो होने वाली है यानी सेंट्रल यूनिवर्सिटी को जल्द ही स्थायी कैंपस मिलने के आसार बन गए हैं। दिल्ली उच्च न्यायलय में नरोत्तम नरेश वालिया बनाम भारत सरकार रिट पीटीशन नंबर 5087/2016 के तहत सेंट्रल यूनिवर्सिटी मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश सतीशचंद्रा शर्मा व माननीय न्यायाधीश सुब्रमण्यम प्रशाद की खंडपीठ ने की। याचिका कर्ता करनैल राणा की ओर से पेश होते हुए अधिवक्ता विनोद शर्मा, पवन रूले और अक्षय लोधी ने बताया कि हिमाचल सरकार के अधिवक्ता अर्चित वासुदेव ने केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थायी भवन निर्माण की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में जमा करवाई है। अधिवक्ता भी पेश हुए थे।
डा. अमरजीत शर्मा ने दाखिल किया है शपथ
यह शपथ पत्र डा. अमरजीत शर्मा डायरेक्टर हायर एजुकेशन हिमाचल प्रदेश की ओर से दाखिल किया गया है। शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट को बताया कि माननीय न्यायालय के आदेश 21.2. 2018 का पालन करते हुए सीयू के नॉर्थ कैंपस देहरा और साउथ कैंपस धर्मशाला के निर्माण कार्य के लिए 22 अप्रैल 2022 को टेंडर हुआ, जिसमें एमएस आहलूवालिया(कांट्रेक्ट) इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को काम अवार्ड कर दिया गया है। यह जानकारी डायरेक्टर हायर एजुकेशन हिमाचल प्रदेश को 7 नवंबर 2022 को कंद्रीय विवि के रजिस्ट्रार हिमाचल प्रदेश के माध्यम ईमेल द्वारा हासिल हुई है। इसमें बताया गया है कि नार्थ कैंपस देहरा के लिए भूमि यूनिवर्सिटी के नाम हस्तांतरण किया जा चुका है तथा 1.72753077 रुपये कैंपनसेशन के रूप में हिमाचल सरकार ने भारत सरकार के पास जमा करवा दिए हैं तथा फोरेस्ट लैंड को भी रिलीज करवा दिया है।
साउथ कैंपस धर्मशाला के लिए 24.51.04 हेक्टेयर जमीन हिमाचल सरकार ने यूनिवर्सिटी के नाम कर दी है
इसके अलावा हिमाचल सरकार ने ने 5.60 करोड़ रुपये स्पेसफिक सायल एंड वाटर कंजर्वेशन देहरा कैंपस को डिवेलप करने को दिए जा चुके हैं। देहरा कैंपस के बाहर पाइपलाइन, इलेक्ट्रिक सब-डिवीजन स्टेशन आदि काम के लिए उपायुक्त कांगड़ा कार्य कर रहे हैं। साउथ कैंपस धर्मशाला के लिए 24.51.04 हेक्टेयर जमीन हिमाचल सरकार ने यूनिवर्सिटी के नाम कर दी है तथा सरकारी भूमि की फोरेस्ट क्लीयरेंस को लेकर विभिन्न विभाग काम में जुटे हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट को यह भी बताया गया कि भारत सरकार ने अभी तक स्टेटस रिपोर्ट फाइल नहीं की है। याचिकाकर्ता ने हिमाचल सरकार की स्टेटस रिपोर्ट का अवलोकन करने लिए चार हफ्तों का समय मांगा है। मामले की सुनवाई अब अगले साल फरवरी के दूसरे हफ्ते में होगी।
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