ऐतिहासिक मणिमहेश यात्रा के लिए इस बार श्रद्धालुओं को पंजीकरण करवाना होगा। बिना पंजीकरण के यात्रा पर जाने का अनुमति नहीं मिलेगी। यात्रा के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू हो गया है। प्रशासन का कहना है कि यात्रा के लिए ऑफलाइन पंजीकरण पर भी विचार किया जा रहा है।
पंजीकरण प्रक्रिया होने से प्रशासन के पास अब केदारनाथ और अमरनाथ यात्रा की तर्ज पर श्रद्धालुओं का सही आंकड़ा रहेगा। पहली बार यह व्यवस्था लागू की जा रही है। यात्रा पर आने वाले शिव भक्त जिला प्रशासन के पेज पर दिए गए लिंक पर जाकर महज 20 रुपये में पंजीकरण करवा सकते हैं।
मणिमहेश यात्रा प्रशासनिक तौर पर 7 सितंबर से आरंभ होकर 23 सितंबर तक रहेगी। देश के कोने-कोने से पवित्र डल झील में डुबकी लगाने के लिए यहां श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं। इससे एक तरफ जहां प्रशासन को यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं का स्टीक आंकड़ा मिल सकेगा।
वहीं प्राकृतिक आपदा या अप्रिय घटना होने पर लोगों की सुरक्षा के लिए समय रहते उचित कदम उठाए जा सकेंगे। विभागीय साइट पर पंजीकरण करवाने के बाद श्रद्धालुओं के पास क्यूआर कोड होगा। पंजीकरण करवाने वाले श्रद्धालुओं का हड़सर में क्यूआर कोड स्कैन होगा।
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