कुठाड़ : सोलन जिला के धर्मपुर विकास खंड की पट्टा नाली व कैंडोल पंचायत में बीते दिनों हुई भारी बारिश के बाद हुए भूस्खलन से 40 मकानों को क्षति पहुंची है। इन घरों में रहना खतरे से खाली नहीं है। वर्षों से इन घरों में रहने वाले लोग अब इन्हें दूर से देखने को मजबूर हो गए हैं।
पट्टा नाली पंचायत के शलगा गांव में कुदरत के कहर के बाद डरे-सहमे 11 परिवार गांव को छोड़कर पट्टा, बरोटीवाला व अन्य सुरक्षित जगह पर चले गए हैं। कुछ परिवारों ने अपने-अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ले ली है जबकि 5 परिवार गांव के निकट ही झुग्गियां व तिरपाल के अस्थायी घरों में रहने को मजबूर हैं, क्योंकि अधिकतर लोगों के पास मंवेशी हैं, जिन्हें इस आपदा की घड़ी में छोड़कर नहीं जा सकते। द्राबली गांव के गुरसेवक का वर्षों पुराना आशियाना प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गया है। यह परिवार अब अपने भाई के साथ रह रहा है।
साथ लगती कैंडोल पंचायत में भी अभी तक विभिन्न गांवों के 18 परिवारों के घरों को क्षति पहुंची है जबकि पंचायत ने पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हुए गांवों कैंडोल, पीपलटा व धन्योन के 6 घरों को खाली करवा दिया है। बेघर हुए इन परिवारों ने अपने-अपने रिश्तेदारों व एक परिवार ने तिरपाल की झुग्गी में शरण ली है। पंचायत ने कुछ परिवारों का सामान गांव की डिस्पैंसरी में रखवाया है।
पट्टा नाली के प्रधान हेम चंद कश्यप व कैंडोल के अनिल शर्मा ने कहा कि आपदा पीड़ित सभी परिवारों को प्रशासन की ओर से 5-5 हजार रुपए की फौरी राहत दी गई है। संबंधित पटवारी ने क्षतिग्रस्त हुए मकानों की रिपोर्ट प्रशासन को सौंप दी है। उन्होंने प्रशासन से पीड़ितों के लिए घर बनाने के लिए राशि स्वीकृत करने की मांग की है।
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