विश्व धरोहर कालका-शिमला रेल मार्ग पर नए डिजाइन और तकनीक से लैस पैनोरमिक(पारदर्शी) कोच का शनिवार को फाइनल ट्रायल किया गया। आरसीएफ कपूरथला की ओर से डिजाइन किए गए दो पारदर्शी(पैनोरमिक) कोच से लैस गाड़ी सुबह 9:30 बजे कालका से शिमला रवाना हुई और 2:30 बजे शिमला पहुंची। आरडीएसओ के अधिकारियों ने बताया कि 28 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से किया गया ट्रायल पूरी तरह कामयाब रहा है।
इससे पहले इन कोचों का कालका और धर्मपुर के बीच ट्रायल हो चुका है। पैनोरमिक कोच बड़ी और चौड़ी खिड़कियों से लैस हैं जिससे बाहरी परिदृश्य की साफ झलक देखने को मिलेगी। इन कोचों की छत का कुछ भाग भी पारदर्शी है। कोच में लगी सीटें 180 डिग्री तक घूम सकती हैं। ये कोच सीसीटीवी और फायर अलार्म सहित अन्य आधुनिक सुरक्षा सुविधाओं से भी लैस हैं।
30 डिब्बों का निर्माण
रेल कोच फैक्ट्री कालका-शिमला रेलवे के लिए शुरुआत में 30 नैरो गेज विस्टाडोम डिब्बों का निर्माण करेगी। आरसीएफ ने एलएचबी तकनीक पर आधारित नए कोचों के लिए शुरुआती डिजाइन तैयार किए हैं। इन डिब्बों के लिए स्टेनलेस स्टील के हल्के वजन वाले शेल डिजाइन के अलावा बोगियों को अपग्रेड करने और ब्रेक सिस्टम में सुधार की योजना बनाई गई है।
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