शिमला : सरकार के अधिकारी मुख्यमंत्री के आदेशों को कितना गंभीरता से लेते हैं, इसका प्रमाण आज दूसरी बार देखने को मिला है। हमीरपुर कर्मचारी चयन आयोग में आयोजित हो चुकी परीक्षाओं के परिणाम निकालने के संबंध में पिछले माह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सात दिनों के भीतर भंग आयोग में विवादों के दायरे से बाहर परीक्षाओं के परिणाम निकालने के आदेश दिए थे। आज तीन जून तक सरकार की आला अफसरशाही ने लंबित परीक्षाओं में से एक का भी परीक्षा परिणाम नहीं निकाला।
उन्होंने कहा कि विजिलेंस की जांच के दायरे में नहीं आने वाली परीक्षाओं के परिणाम शीघ्र ही घोषित किए जाएं। कदाचार के लिए भंग किए गए एचपीएसएससी द्वारा आयोजित की गई परीक्षाओं के रिकॉर्ड हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग (एचपीपीएससी) को स्थानांतरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रशासन की कार्यप्रणाली और संस्थानों के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय ले रही है और मेधावी और योग्य विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी तरीके से संचालित कर रही है। इसके विपरीत पिछली भाजपा सरकार द्वारा एचपीपीएससी की भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक किए जा रहे थे।
11 मई को सीएम ने दिए थे पहली बार निर्देश
11 मई को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए थे कि भंग किए गए हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से ली गई विभिन्न पोस्ट कोड की उन लिखित परीक्षाओं के परिणाम एक सप्ताह के भीतर घोषित किए जाएं, जो विजिलेंस जांच के दायरे में नहीं थे। ये भी कहा था कि उन पोस्ट कोड के परिणाम भी जल्द ही घोषित कर दिए जाएंगे, जिनमें विजिलेंस जांच की आवश्यकता नहीं होगी।
उन्होंने कहा कि क्लास-3 के उन सभी पोस्ट कोड में भर्ती के लिए पुनः विज्ञापन जारी करने की प्रक्रिया हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने पहले ही शुरू कर दी है, जिन परीक्षाओं के लिए कर्मचारी आयोग ने लिखित परीक्षा नहीं ली थी। जिन परीक्षाओं के लिए कर्मचारी चयन आयोग ने विज्ञापन जारी कर दिए थे और उम्मीदवारों ने इन परीक्षाओं के लिए आवेदन कर दिए थे, उन परीक्षाओं में आयु सीमा में छूट भी दी जा रही है और दोबारा फीस भी नहीं ली जाएगी।
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