शिमला : मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार हिमाचली हितों को ध्यान में रखकर ही प्रोजैक्टों का आबंटन करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व भाजपा सरकार के समय राज्य के हितों को बेचा गया तथा इन्वैस्टर मीट के बाद अधिकांश प्रोजैक्टों पर बात एमओयू से आगे नहीं बढ़ पाई। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार उद्योगपतियों को सुविधाएं देने के लिए उद्योग नीति में बदलाव भी करेगी। सीएम यहां उद्योग व पर्यटन क्षेत्र से जुड़े उद्योगपतियों को संबोधित करने के अलावा पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत कर रहे थे। उन्होंने इस दौरान प्रदेश में निवेश करने के इच्छुक उद्योगपतियों के साथ वन-टू-वन समस्याएं भी सुनीं। इस आयोजन में उन उद्योगपतियों को बुलाया गया था, जो राज्य में बीते 3 से 4 वर्ष से 50 करोड़ रुपए से ऊपर के प्रोजैक्ट लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ऐसे प्रोजैक्ट लगने चाहिए, जिससे राज्य की आय भी हो और रोजगार के अवसर भी सृजित हों। उन्होंने कहा कि सरकार उद्योगपतियों को सुविधाएं देने के लिए उद्योग नीति में बदलाव भी करेगी।
पावर प्रोजैक्टों में राज्य का शेयर कम किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के समय पावर प्रोजैक्टों में राज्य के शेयर को कम किया गया। उन्होंने कहा कि धर्मशाला में करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद प्रदेश के हितों को बेचा गया। उन्होंने एसजेवीएनएल को आबंटित प्रोजैक्ट पर भी आपत्ति जताई तथा कहा कि सरकार इन सभी विषयों को लेकर चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा कि 12 वर्ष बाद प्रदेश को मुफ्त बिजली मिलना और सदा के लिए प्रोजैक्ट कंपनी को बेच देना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जेएसडब्ल्यू जैसे प्रोजैक्ट 40 वर्ष बाद वापस मिलेंगे और उसमें अलग से रॉयल्टी भी मिलेगी।
31000 करोड़ के प्रोजैक्टों पर 2 दिन होना है मंथन
मुख्यमंत्री करीब 31000 करोड़ रुपए के प्रोजैक्टों में निवेश को लेकर 2 दिन तक मंथन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री अब 9 जून को दूसरी बार उद्योगपतियों से संवाद करेंगे। जिन प्रोजैक्टों को लेकर राज्य सरकार प्रमुख रूप से चर्चा कर रही है, उसमें 46 प्रोजैक्ट उद्योग विभाग, 20 ऊर्जा विभाग और 14 पर्यटन विभाग से संबंधित हैं।
कागजी कार्रवाई में अनावश्यक विलम्ब को दूर करेगी सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कागजी कार्रवाई में होने वाले अनावश्यक विलम्ब को दूर करेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने एक समर्पित ब्यूरो ऑफ इन्वैस्टमैंट प्रोमोशन स्थापित करने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को हरित ऊर्जा राज्य बनाने पर विशेष बल दे रही है।
ग्रीन हाइड्रोजन नीति बनेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सतत् विकास सुनिश्चित करने के लिए देश की पहली ग्रीन हाइड्रोजन नीति लाएगी और प्रदेश में इलैक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के लिए 6 ग्रीन कॉरिडोर विकसित करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में प्रस्तावित बल्क ड्रग पार्क और मेडिकल डिवाइस पार्क में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए प्रोत्साहन प्रदान किए जा रहे हैं। इन महत्वाकांक्षी परियोजनाओं के लिए बुनियादी अधोसंरचना विकसित कर रही है। औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार, नए हैलीपोर्ट के निर्माण, सड़क और रेल कनैक्टीविटी में सुधार को प्राथमिकता दे रही है।
प्रोजैक्ट लगाने वालों ने गिनवाईं ये समस्याएं
हिमाचल में प्रोजैक्ट लगाने वालों ने राजस्व अधिनियम की धारा-118 की पेचीदगियों के अलावा उपयुक्त भूमि उपलब्ध न हो, बिली और पानी जैसी समस्याओं को प्रमुख रूप से गिनवाया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार एक छत के नीचे अब सभी तरह की सुविधाएं इन्वैस्टमैंट ब्यूरो के तहत उपलब्ध करवाएगी।
लैंड बैंक को स्थापित कर रही सरकार : हर्षवर्धन
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि निवेशकों के लिए उपयुक्त भूमि के चयन की प्रक्रिया में सरलीकरण करते हुए राज्य सरकार जल्द ही लैंड बैंक स्थापित करने की योजना बना रही है। लंबित निवेश परियोजनाओं के निष्पादन में तेजी लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधान सचिव उद्योग आरडी नजीम ने बताया कि बैठक के दौरान 29 परियोजनाओं की समीक्षा की गई। हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आरएस बाली, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर एवं राम कुमार चौधरी, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, निदेशक उद्योग यूनुस व विशेष सचिव उद्योग किरण भड़ाना सहित अन्य अधिकारी इस अवसर पर मौजूद थे।
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