हमीरपुर : हिमाचल प्रदेश में हजारों चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों पर रिकवरी की तलवार लटक चुकी है। दोहरे लाभ ले रहे कर्मचारियों से कल्याण विभाग ने रिकवरी लेना शुरू कर दिया है। प्रदेश में करीब आठ हजार मल्टी टास्क वर्कर्स पिछले वर्ष शिक्षा विभाग, जलशक्ति विभाग और लोक निर्माण विभाग में नियुक्त हुए थे।
नौकरी मिलने पर भी पेंशन ले रहे कर्मचारी
लोक निर्माण में 5000 और शिक्षा विभाग में 8000 पदों पर ये भर्तियां हुई हैं जबकि, शिक्षा विभाग में 12000 स्कूलों में करीब 15 हजार मिड डे मील वर्कर तैनात हैं। इन वर्कर्स में से उन वर्कर्स की सूची बन रही है जो नौकरी मिलने पर भी पेंशन ले रहे हैं।
प्रदेश की विधवा महिलाओं को सरकार द्वारा न्यूनतम 1000 से 1300 रूपये तक की पेंशन राशि दी जाती है। सरकारी नौकरी मिलने के कई वर्ष बीत जाने पर भी और सालाना वेतन 50 हजार से अधिक होने के बावजूद हजारों मिड डे मील वर्कर्स और पार्ट टाइम मल्टी टास्क वर्कर्स ये पेंशन भी ले रहे हैं। कुछ ऐसे भी हैं जो आईआरडीपी में भी सभी लाभ ले रहे हैं।
करोड़ों की रिकवरी होने की संभावना
इनको अपना नाम ग्राम पंचायत के कोरम के दौरान पेंशन और आईआरडीपी से कटवाना चाहिए था। मगर ऐसा न किया गया और अब हजारों रूपये की रिकवरी इनको भरनी पड़ेगी। दिव्यांग पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य के ऐसे नागरिक जो 40 प्रतिशत से 69 प्रतिशत तक दिव्यांग हैं, उन्हें सरकार द्वारा प्रतिमाह 750 की पेंशन राशि प्रदान की जा रही है और यदि कोई नागरिक 70 प्रतिशत या इससे अधिक दिव्यांग हैं, तो ऐसे दिव्यांगजनों को प्रतिमाह 1300 रुपए पेंशन के रूप में मिल रही है।
ऐसे में दिव्यांगता कोटे की पेंशन बहुत सारे मिड डे वर्कर्स और मल्टी टास्क वर्कर्स ले रहे हैं, जिसके चलते करोड़ों की रिकवरी होने की संभावना है।
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