शिमला : शिमला शहर के भूस्खलन प्रभावित कृष्णा नगर को बीमारी फैलने के खतरे के मद्देनजर कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है। यहां 15 अगस्त को हुए भूस्खलन में दो लोगों की मौत हो गई थी। पहाड़ी के दरकने से कई चपेट में आ गए थे। इस घटना में कुल आठ घर जमींदोज हो गए थे।
शिमला के जिला उपायुक्त आदित्य नेगी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि बूचड़खाने के आसपास के लगभग 500 वर्ग मीटर क्षेत्र को कंटेनमेंट क्षेत्र (Krishna Nagar Containment Zone) घोषित किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि इलाके में आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और बूचड़खाने के पास और निचले हिस्से में रहने वाले निवासियों को बूचड़खाने के पास नाले से आने वाले स्रोतों के पानी का उपयोग करने से बचने के लिए कहा गया है।
रसायन और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव
मेयर सुरिंदर चौहान ने कहा कि पशुपालन विभाग और शिमला नगर निगम (एसएमसी) के अधिकारियों की टीमों ने साइट का दौरा किया था। टीम ने यहां किसी भी बीमारी को फैलने से रोकने के लिए रसायन, कीटाणुनाशक और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव किया था।
‘जल्द हटाया जाएगा मलबा’
उन्होंने कहा, “हम मलबे को हटाने के लिए मिट्टी (कीचड़) के सूखने का इंतजार कर रहे हैं क्योंकि नमी वाली मिट्टी को हटाने के लिए भारी मशीनरी का इस्तेमाल करना होगा। ऐसे में कृष्णा नगर इलाके में ऊपर के घरों को खतरा हो सकता है।” हालांकि, उन्होंने कहा यहां से मलबा जल्द ही हटा दिया जाएगा।
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