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धर्मशाला : उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में बारिश आपदा बनकर बरसी है। ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई जैसी कोरोना काल में भी नहीं थी। पूर्व सरकार कोरोना काल की दुहाई देती थी, लेकिन वर्तमान की स्थितियां उससे भी गंभीर हैं। सरकार त्रासदी में आवासहीन हुए लोगों का पुनर्वास करने के लिए बचनबद्ध है। राहत, बचाव व पुनर्वास कार्यों में किसी तरह के धन की कोई कमी नहीं है। फौरी राहत सरकार प्रशासन के माध्यम से पहुंचा रही है। जिन्होंने अपना घर खोया है उन्हें घर व जमीन को लेकर नीति बनाकर पुर्नवास करेंगे। हर संभव सहायता को तैयार बचनवद्ध। उप मुख्यमंत्री धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
इस मौके पर उन्होंने कहा कि बीते एक सप्ताह से अलग-अलग जगह प्रभावितों से मिल रहे हैं। कई जगह बादल फटने से नुकसान हुआ है तो कई जगह नदी-नालों में पानी अधिक आने से नुकसान हुआ है। लेकिन जिला कांगड़ा में त्रासदी कुछ अलग है। यहां पर पहाड़ दरके हैं । ज्वालामुखी, नूरपुर, जवाली, सुलह में पहाड़ एक ही तरह से दरके हैं। इस लिए भविष्य में भूगर्भ वैज्ञानिकों से पड़ताल करवाई जाएगी कि आखिरकार पहाड़ क्यों धंसे व क्यों दरके। हालांकि, कुछ लोग फोरलेन में पहाड़ों की गलत कटिंग तो कुछ लोग अन्य कारणों को बता रहे हैं। इस पर सर्वे करवाकर पड़ताल करवाएंगे।
‘त्रासदी में रक्षक बनकर उतरे कर्मचारी-अधिकारी होंगे सम्मानित’
डिप्टी CM अग्निहोत्री ने बताया कि कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जिन्होंने उफनती नदियों के बीच में पंप हाउस पहुंचकर व पाइपों को जोड़ने का काम किया है तो कुछ कर्मचारियों ने बारिश में कई घंटे खंभों पर चढ़कर काम किया। ताकि आम आदमी को पानी मिल सके। उन्होंने बताया कि कुछ कर्मचारी व अधिकारी पानी में फंसे लोगों की जान को बचाने में जुटे रहे हैं। कुछ विपरीत परिस्थिति में जेसीबी से रास्ते बहाल करने में जुटे रहे। ऐसे में सरकार इन सभी कर्मचारियों व अधिकारियों को सम्मानित करने के लिए विशेष पहल करेगी। सभी को सम्मानित किया जाएगा।
बकौल अग्निहोत्री विपक्ष को लगता है कि कुछ और तरह से बेहतर बचाव व राहत कार्य किए जा सकते हैं तो विपक्ष सुझाव दे सकता है। वर्तमान में प्रदेश की स्थिति ऐसी है कि त्रासदी के समय में कोई राजनीति नहीं करना चाहते। प्रदेश में 400 लोगों की जान गई है। 12 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यह दौर तो कोरोना से भी बुरा है। बस्तियां व मोहल्ले ही बारिश की भेंट चढ़ गए हैं। ऐसे समय में कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए। केंद्र सरकार त्रासदी को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। सरकार तो जनता तक पहुंच कर मरहम लगाने का प्रयास कर रही है।
फोरलेन के काम में बेतरतीबी से काटे पहाड़
एक सवाल के जवाब में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि फोरलेन के समय में बेतरतीबी से पहाड़ काटे हैं। पहाड़ों को नुकसान हुआ है। सरकार सारी परिस्थितियों का अध्ययन करेगी। इसमें कोई शक नहीं है कि पहाड़ बेतरतीब कटे हैं।
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