लाहुल-स्पीति : शीत मरुस्थल लाहुल-स्पीति जिले में इस साल अच्छा हिमपात हुआ है। ऊंची बर्फीली चोटियां, ग्लेशियर, बर्फीले झरने, आधी जमी चंद्रा नदी और साफ नीला आसमान, कल्पना कीजिये कि इस आश्चर्यजनक स्थान पर दौडऩा कितना रोमांचित करने वाला है। 26 मार्च को देश के पहले स्नो मैराथन के साथ ग्लोबल स्नो और लंबे समय तक चलने वाले स्नो सर्किट के लिए लाहुल-स्पीति पूरी तरह तैयार है। दैनिक जागरण मैराथन में मीडिया प्रायोजक की भूमिका निभा रहा है।
हिमालय और आउटडोर विशेषज्ञ, घुमंतु पत्रकार और पर्यावरण संरक्षणवादी गौरव शिमर लाहुल स्नो मैराथन में हिस्सा लेंगे। वह कहते हैैं कि बर्फ पर दौडऩे के दौरान आने वाली चुनौतियां भावना का परीक्षण करेंगी। दुनियाभर में ऐसे आयोजन होते हैैं लेकिन देश मेें ऐसा पहली बार होगा।
आयोजन के ब्रांड एंबेसडर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावक कीरेन डिसूजा का कहना है, ‘मैं स्नो मैराथन का हिस्सा बनने के लिए उत्साहित हूं। यह निश्चित रूप से पूरी नई दुनिया है, जिसका देश के धावक अनुभव करेंगे। देश के पहले स्नो मैराथन के लिए लाहुल से बेहतर जगह कोई नहीं हो सकती।’
आयोजन की एंबेसडर 26 वर्षीय प्रकृति कहती हैं, ‘मैं भारत के पहले स्नो मैराथन का हिस्सा बनने से सम्मानित और उत्साहित महसूस कर रही हैैं। उम्मीद है कि इस ऐतिहासिक आयोजन में बड़ी संख्या में युवा हिस्सा लेंगे।
मेडिकल इमरजेंसी के लिए पूरी तैयारी
आयोजन को देश के कई ब्रांड का समर्थन मिला है। मेडिकल पार्टनर फोर्टिस मोहाली मेडिकल इमरजेंसी को कवर करेगा। डाक्टरों व पैरामेडिक्स की टीम के साथ दो उन्नत जीवनरक्षक एंबुलेंस मौजूद रहेंगी। फास्ट एंड अप न्यूट्रिशन, पोलराइड आईवियर और गार्मिन अवाड्र्स पार्टनर होंगे। गार्मिन विजेताओं को टाप आफ द लाइन आउटडोर घडिय़ां देंगे। बान धावकों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करेगा।
चुनौतीपूर्ण अनुभव को पेश करेगी मैराथन
आयोजन के सलाहकार और आल इन रनिंग के हेड कोच नकुल बुट्टा का कहना है कि पहली बार हो रही स्नो मैराथन आउडडोर में नए और चुनौतीपूर्ण अनुभव को पेश करेगी। यह दौड़ शांत क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और परंपरा के साथ जुडऩे का अवसर देगी। उन्होंने धावकों को तैयार करने के लिए 6एन7डी प्रशिक्षण शिविर तैयार किया है।
कई गतिविधियां भी होंगी
गोल्ड्रोप एडवेंचर्स के इवेंट एक्जीक्यूशन हेड राजेश चंद कहते हैैं कि स्नो मैराथन लाहुल को प्रशासन का सहयोग मिल रहा है। लाहुल के लोग भी इसे लेकर उत्साहित हैं। जिला प्रशासन और लाहुल के लोगों ने स्नो मैराथन के आसपास कई गतिविधियों की योजना बनाई है। सांस्कृतिक कार्यक्रम और तीरंदाजी जैसे पारंपरिक खेल भी होंगे। हाबकोनोब जैसे कई स्वयंसेवी और संगठन आयोजन की सफलता के लिए मेहनत कर रहे हैं। सिस्सु स्की और स्नो बोर्ड क्लब भी वालंटियर्स की टीम के साथ तैयार है।
गर्व महसूस करेंगे लाहुल के लोग
भारतीय सेना में विमान चालक और स्नो मैराथन लाहुल के मुख्य कार्यक्रम सलाहकार कर्नल अरुण नटराजन ने 20 से अधिक मैराथन में भाग लिया है। कहते हैैं कि स्नो मैराथन के जरिये लाहुल के लोगों को ऐसा उपहार में दे रहे हैं, जिस पर वे गर्व महसूस करेंगे। सब कुछ अटल सुरंग के खुलने से संभव हुआ है।
वर्षों की कड़ी मेहनत
आयोजक रीच इंडिया के सीईओ राजीव कुमार का कहना है कि स्नो मैराथन लाहुल टीम के कारण संभव हुआ है, जो वर्षों से कड़ी मेहनत कर रही है। इसके जरिये दर्शकों को एक अनूठा अनुभव होगा। शायद हिमालय के सामने सबसे बड़ी चुनौती कचरा प्रबंधन के बारे में जागरूकता लाने की होगी। यही इस आयोजन के पीछे का कारण है।
आयोजन के प्रेरणास्रोत
आयोजन भारतीय शीतकालीन खेल महासंघ के अध्यक्ष कर्नल जोध सिंह ढिल्लों (एसएम) के नेतृत्व में किया जा रहा है। एक अन्य प्रसिद्ध आउटडोर और शीतकालीन खेल विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट कर्नल भुवन खरे ने भी राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय साहसिक और खेल आयोजनों में भाग लिया है।
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