पंडोह : इस बार बारिश का कहर कुछ इस कद्र बरपा है कि अमूमन आवाजाही के लिए खुला रहने वाला चंडीगढ़-मनाली नैशनल हाईवे यातायात के लिए खुल ही नहीं पा रहा है। वीरवार को कैंची मोड़ से आगे फोरलेन का एक तरफ का लगभग 50 मीटर हिस्सा 6 फुट तक बैठ गया है और जमींदोज होने की कगार पर है। एनएचएआई के प्रोजैक्ट डायरैक्टर वरुण चारी ने बताया कि बारिश के कारण फोरलेन की जो हालत हुई है उसे सुधारने के लिए एनएचएआई के एक्सपर्ट की एक टीम यहां पर दौरा करने आएगी। उस टीम द्वारा जो सुझाव दिए जाएंगे, उन्हीं पर काम किया जाएगा। फोरलेन को अस्थायी तौर पर बहाल करने का कार्य जारी है।
मलबे को हटाने में मशीनरी भी पड़ रही कम
मंडी से अगर शुरूआत करें तो सबसे पहले 4 मील आता है जहां पर पहाड़ी कुछ इस कदर दरकी है कि मलबा हटाना चुनौती बन गया है। इसके बाद थोड़ा और आगे आएं तो 6 मील आता है जहां पर हाईवे सबसे ज्यादा बंद रहा और 2 लोगों की यहां मौत भी हो गई। इसके बाद 7 मील, सांबल, जागर नाला व 9 मील सहित अन्य छोटे-छोटे स्थानों पर पहाड़ी से ऐसे मलबा आया है कि उसे हटाने के लिए एनएचएआई की मशीनरी भी कम पड़ रही है।
एनएच बहाली में लग सकता है कम से कम 2 महीने का समय
7 मील से लेकर पंडोह के बीच कई पुल ढह गए हैं, वहीं जो वैकल्पिक मार्ग बनाए गए हैं लेकिन उनका भी कोई सहारा हाल फि लहाल में नजर नहीं आ रहा है। इसके बाद पंडोह से आगे की तरफ चलें तो डैम से पहले पहाड़ी से इतना ज्यादा मलबा आया है जो अभी तक हाईवे के किनारे पड़ा हुआ है। पंडोह डैम के ऊपर कंैची मोड़ के पास हाईवे 50 मीटर तक कट चुका है और इसकी बहाली के लिए कम से कम 2 महीनों का समय लग सकता है।
टनलों का भी हाल बेहाल
यातायात के लिए सुचारू की गई हणोगी से झलोगी तक की टनलों का भी हाल बेहाल हो गया है। इन टनलों से भी एक तरफा यातायात चल रहा है। रैंस नाला के पास टनलों को जोडऩे के लिए बना पुल मलबे से भर गया है और यह मलबा टनलों के भीतर जा घुसा है। दवाड़ा के पास भी फोरलेन का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त हो चुका है और इसे यातायात के लिए एक तरफा ही रखा गया है।
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