सैंज घाटी की दुर्गम ग्राम पंचायतों के ग्रामीणों की समस्याएं कम होने के बजाए बढ़ रही है। ग्रामीणों को सड़क न होने के कारण बीमारी की हालत में अधिक परेशान होना पड़ता है। उन्हें मरीजों को पीठ पर उठाकर कई किलोमीटर का पैदल चलना पड़ता है। ऊबड़-खाबड़ पहाड़ी रास्तों से मरीज के साथ पैदल चलना दिक्कतों को बढ़ा देता है। खराब रास्तों के कारण जानमाल का नुकसान होने का खतरा भी बना रहता है।
वहीं, रविवार को भी ग्राम पंचायत देहुरीधार के शफाडी गांव के मरीज को पांच किलोमीटर पीठ में उठाकर घर पहुंचाना पड़ा। शफाड़ी निवासी 65 वर्षीय भगत राम को एक सप्ताह पहले पेट दर्द के कारण क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में भर्ती किया गया था। हालत में सुधार होने पर चिकित्सकों ने मरीज को छुट्टी दे दी, लेकिन मरीज को घर पहुंचाना तीमारदारों के लिए दिक्कत बनी रही। मरीज को जैसे-तैसे ग्रामीणों की मदद से तुंग गांव से शफाड़ी तक पीठ में उठाकर पहुंचाया गया।
खड़ी चढ़ाई और खराब रास्ते से मरीज को घर ले जाना परेशानी भरा रहा। ग्रामीण बिहारी लाल, यान दत, तेजस्वी राम, रेपती राम, देवी राम, तेजराम, धर्मचंद, प्यारे राम, मानसिंह, तीर्थराम, राजकुमार, चुनी लाल ने कहा कि आजादी के 75 साल के बाद भी पंचायत सड़क सुविधा से वंचित है। सैंज संघर्ष समिति अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि बीमारी की हालत में मरीजों को कुर्सी और पीठ के सहारे सड़क तक लाना पड़ता है।
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