कम बुखार होने पर एंटीबायोटिक लेने से परहेज करें, क्या कहती है ICMR की नई गाइडलाइंस? #news4
November 27th, 2022
| Post by :- Ajay Saki
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नई दिल्ली। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने दिशा-निर्देश जारी कर लोगों को कम बुखार या वायरल ब्रोंकाइटिस जैसी बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक का इस्तेमाल नहीं करने को कहा है और चिकित्सकों को इन दवाओं का परामर्श देते समय समयसीमा का ध्यान रखने की सलाह दी है।
आईसीएमआर के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि त्वचा और कोमल ऊतकों के संक्रमण के लिए पांच दिन, समुदाय के संपर्क में आने से हुए निमोनिया के मामले में 5 दिन और अस्पताल में हुए निमोनिया के लिए आठ दिन के लिए एंटीबायोटिक दी जानी चाहिए।
दिशा-निर्देशों में कहा गया है, ‘नैदानिक जांच हमें रोग के लक्षणों का कारण बनने वाले रोगजनकों के बारे में पता करने में मदद करती है। इससे संक्रमण का निदान करने के लिए बुखार, प्रोकैल्सीटोनिन स्तर, डब्ल्यूबीसी गणना, कल्चर या रेडियोलॉजी पर आंख मूंदकर भरोसा करने के बजाय एंटीबायोटिक की सही मात्रा तैयार करने में मदद मिलेगी।’
आईसीएमआर ने गंभीर रूप से बीमार रोगियों के लिए अनुभवसिद्ध एंटीबायोटिक चिकित्सा को सीमित करने की सलाह दी है। इस अनुसंधान निकाय द्वारा 1 जनवरी और 31 दिसंबर, 2021 के बीच किए गए सर्वेक्षण में कहा गया था कि भारत में बड़ी संख्या में अब रोगियों के लिए ‘कार्बापेनम’ एंटीबायोटिक उपयोगी साबित नहीं हो रही और उन पर अब इसका कोई असर नहीं हो रहा।
डेटा के विश्लेषण ने दवा के प्रभाव को बेसर करने वाले रोगजनकों में निरंतर वृद्धि की ओर इशारा किया है और इस वजह से उपलब्ध दवाओं के जरिए कुछ संक्रमणों का इलाज करना मुश्किल हो गया है।
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