केलांग : सिस्सू पंचायत ने फरमान जारी करते हुए पर्यटकों को 10 से 28 फरवरी तक घाटी में आने पर रोक लगा दी है। घाटी में 15 जनवरी से हालड़ा व पुणा उत्सव शुरू होने वाला है। उत्सव के दौरान देवी-देवता शोर-शराबा बर्दाश्त नहीं करते। देव आदेश के चलते पंचायत ने यह प्रस्ताव पारित किया है। मंगलवार को जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति की सिस्सू पंचायत, राजा घेपन कमेटी, देवी बोटी कमेटी और लवरंग गोंपा कमेटी के सदस्यों ने सर्दियों में होने वाले देवी-देवताओं को समर्पित उत्सव के शुरू होने से पहले और समाप्त होने तक पर्यटन गतिविधियां न करने का फैसला लिया।
सिस्सू व तेलिंग में मनाया जाएगा हालड़ा व पुणा त्यौहार
15 जनवरी से चंद्रा घाटी की सिस्सू पंचायत और कोकसर के तेलिंग का धार्मिक एवं नए साल में मनाया जाने वाला हालड़ा व पुणा त्यौहार मनाया जाएगा। घाटी में शोर-शराबा न हो और धार्मिक कारज में खलल न पड़े, इसलिए सिस्सू हैलीपैड में 10 से 28 फरवरी तक पर्यटन गतिविधियां नहीं करने का निर्णय लिया है। वहीं इस दौरान सिस्सू हैलीपैड में पर्यटक वाहनों की पार्किंग न हो और कोई भी पर्यटक सिस्सू में प्रवेश न करे, इसके लिए पंचायत ने डीसी लाहौल-स्पीति को संयुक्त ज्ञापन सौंपकर 50 दिनों के लिए वाहनों की पार्किंग पर रोक लगाने की अपील की है।
सहयोग को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिला प्रतिनिधिमंडल
सिस्सू पंचायत के प्रधान राजीव तथा उपप्रधान संदीप किंगोपा ने बताया कि 15 जनवरी से सिस्सू में देवी-देवताओं को समर्पित नववर्ष उत्सव हालड़ा, रोपसंग पुणा और जगदंग पुूणा मनाया जाना है। देव कारज समाप्त होने तक किसी प्रकार के शोर मचाने पर पाबंदी होती है। लिहाजा 10 से 28 फरवरी तक सभी होटल, होम स्टे और ढाबे तथा अन्य साहसिक गतिविधियों पर पाबंदी रहेगी। मांग को लेकर राजीव की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी, एसपी तथा एसडीएम से मिलकर सिस्सू हैलीपैड की तरफ ट्रैफिक न भेजने का आग्रह किया, ताकि घाटी में कोई अनावश्यक शोर-शराबा न हो।
प्रशासन ने पंचायत प्रतिनिधियों को दिया आश्वासन
पंचायत प्रधान ने बताया कि प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि लोगों की धार्मिक आस्था को देखते हुए वाहनों की भीड़ होने की सूरत में कम से कम गाड़ियों को हैलीपैड की तरफ भेजेंगे। गौर हो कि ग्रामीणों ने गत वर्ष भी इस तरह नए साल के आगमन पर पर्यटन गतिविधियों पर ब्रेक लगाने का निर्णय लिया था और प्रशासन का भी सहयोग मिला।
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे [email protected] पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।