जीवन में हम सभी अपने-अपने चुनाव काफ़ी सावधानी से करते हैं, पर कई बार सावधानी बरतने के बाद भी दुर्घटना हो ही जाती है. यही बात हमारे रिश्ते पर भी लागू होती है. कई महीनों बाद हमें एहसास होता है कि हम जिसे डेट कर रहे हैं, वह हमारे लिए सही नहीं है. पर तब तक आप रिश्ते में इतना इमोशन इन्वेस्ट कर चुकी होती हैं कि उम्मीद होती है कि पार्टनर की छोटी-मोटी कमियों के साथ उसे स्वीकार लेना चाहिए. पर कुछ कमियों को छोटी-मोटी कमी मानकर नज़रअंदाज़ करना आपको भारी पड़ सकता है.
बेशक़, प्यार दिल का का मामला है, पर रिश्ता निभाने के लिए हमें दिल के साथ-साथ दिमाग़ को भी खुला रखना पड़ता है. इसलिए हम उन कमियों की सूची लेकर आए हैं, जो संभावित पार्टनर में दिखें तो उससे किनारा करने के बारे में सोचना बुरा आइडिया नहीं माना जाएगा.
पहली कमी: वह आपकी इज़्ज़त नहीं करता
अगर कोई पुरुष डेटिंग के दिनों में ही आपके साथ इज़्ज़त से पेश नहीं आता तो यह गांठ बांध लीजिए कि आगे चलकर भी वह आपको उचित सम्मान नहीं देगा. देखिए विचारों में मतभेद होना कोई बड़ी बात नहीं है. कई जोड़े अलग-अलग विचारों वाले होते हैं, पर सामनेवाले के विचारों को सुनना और असहमति के बावजूद पार्टनर के विचारों सम्मान करना एक अच्छे व्यक्ति की निशानी है. जो व्यक्ति आपके विचारों का सम्मान नहीं करता, यक़ीन मानिए वह आपका भी सम्मान नहीं करेगा. आपके नज़रिए, आपकी उपलब्धियों के लिए उसके मन में किसी भी तरह का सम्मान नहीं रहेगा. हो सकता है कि वह आपके साथ बदतमीजी न कर रहा हो या आपको भरपूर अटेंशन दे रहा हो, पर होटल स्टाफ़, टैक्सी ड्रायवर, घरेलू नौकरों को हेय दृष्टि से देखता हो या उनको चिल्लाता हो तो समझ जाइए आप ग़लत व्यक्ति को डेट कर रही हैं. आपको यह भी देखना चाहिए कि कुछ ग़लत हो जाने पर वह चीज़ों को कैसे हैंडल करता है. क्या वह चीज़ों को सही करने की दिशा में बढ़ता है या दूसरों पर आरोप मढ़ना शुरू कर देता है. अगर वह दूसरों को बलि का बकरा बनाता है तो इस बात की काफ़ी संभावना है कि आगे चलकर आपके रिश्ते में कुछ ऊंच-नीच हुआ तो वह ठीकरा आपके सिर पर फोड़कर आगे बढ़ जाएगा.
दूसरी कमी: आपकी सुरक्षा का ख़्याल नहीं रखता
वैसे तो यह दकियानूसी ख़्याल लग सकता है. आप सोच सकती हैं कि एक लड़की को इतना सबल होना चाहिए कि वह अपना ख़्याल ख़ुद रख सके. उसे सुरक्षा के लिए पुरुष पर निर्भर होने की आख़िर आवश्यकता ही क्यों पड़नी चहिए. देखिए यहां सुरक्षा की बात इस लिहाज़ से की जा रही है कि वह आपका ख़्याल रखने को अपनी ज़िम्मेदारी समझता है या नहीं. मान लीजिए आप उसके साथ डेट पर गई हैं. लौटते समय वह आपको घर छोड़ने के बजाय कैब से घर जाने की सलाह दे तो आपको यह अंदाज़ा लगाने में आसानी होगी कि उसे आपकी सेफ़्टी की ज़्यादा परवाह नहीं है. ऐसे पुरुष के साथ जीवन बिताने का फ़ैसला ज़ाहिर है ग़लत ही होगा.
तीसरी कमी: वह काफ़ी ग़ुस्सैल है
अगर उसके साथ कुछ समय बिताने के बाद आपको पता चल गया है कि यह व्यक्ति काफ़ी ग़ुस्सैल है तो आपको जान बूझकर कुल्हाड़ी पर पैर नहीं मारना चाहिए. विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह के लोग आगे चलकर हिंसक हो सकते हैं. या वे बात-बात पर आपको अब्यूज़ कर सकते हैं. ग़ुस्सैल प्रवृत्ति को पहचानने का सबसे आसान तरीक़ा है कि वह छोटी-छोटी बात पर उत्तेजित हो जाता है. चीज़ों को ठंडे दिमाग़ से नहीं लेता. ऐसा लगता है कि झगड़ा मोल लेना उसका पसंदीदा शगल है. गाड़ी चलाते समय जब कोई उससे आगे निकल जाता है तो उसके चेहरे के हावभाव बदल जाते हैं. कोई आपकी ओर देख ले तो उसका पारा चढ़ जाता है. अगर आपके डेट में ये गुण या कहें दुर्गुण हैं तो आपको तुरंत ब्रेकअप कर लेना चाहिए.
चौथी कमी: आपकी सहमति की परवाह नहीं करता
किसी भी रिश्ते की बुनियाद आपसी सम्मान और सहमति होती है. अगर आपका पार्टनर किसी मुद्दे पर आपकी राह और सहमति की परवाह नहीं करता, कोई काम करने के लिए आपके ऊपर दबाव डालता है, किसी बात के लिए आपके द्वारा मना करने पर रुकना तो दूर आपकी बातों पर कान तक नहीं देता… तो समझ जाइए आप ग़लत संगत में हैं. हो सकता है आगे चलकर वह आपके रिश्ते को कुछ ज़्यादा ही डोमिनेट करना शुरू कर दे. इसके पहले कि आप उसके झांसे में आकर लंबे रिश्ते में पड़ें, समय रहते ही अपनी राह अलग कर लें.
पांचवीं कमी: बात-बात पर मर्दानगी शो करता है
भारत एक पुरुषप्रधान समाज है, पर समय के साथ चीज़ें बदल रही हैं. इसका श्रेय है पुरुषों की सोच में आ रही बदलाव का. ज़्यादातर पुरुष इस बात को समझते हैं कि समाज में महिला और पुरुष की समान भागेदारी होती है. पर इसे दुर्भाग्य ही कहेंगे कि इस बदलते वक़्त में भी कुछ ऐसे पुरुष हैं, जिनकी सोच अभी भी पुरानी बनी हुई है. आमतौर पर वे पुरुष अपनी बातचीत से यह ज़ाहिर कर देते हैं कि समाज में पुरुष महिलाओं की तुलना में सुपीरियर हैं. उन्हें पुरुषों के शारीरिक रूप से शक्तिशाली होने का घमंड होता है. महिलाओं के नौकरी करने से लेकर उनके कपड़ों तक पर वे रूढ़ीवादी टिप्पणियां करते हैं. कई बार महिलाएं अपने प्रति दिखाए जा रहे उनके एक्स्ट्रा कंसर्न से प्रभावित हो जाती हैं. पर देखा जाए तो वे यह साबित करना चाहते हैं कि आपकी तुलना में वे हर मामले में बेहतर हैं. यह उनकी नैतिक ज़िम्मेदारी है कि आपकी रक्षा करें. लड़कियों को बेचारी समझनेवाले पुरुषों से आपको तत्काल प्रभाव से दूरी बना लेनी चाहिए.
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