तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार(परस राम भारती):- जिला कुल्लू उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी गुशैनी का सीनियर सेकेंडरी स्कूल भारी बारिश, बाढ़ और भूस्खलन के कारण करीब दो माह तक बच्चों की पढ़ाई के लिए बंद रहा। 9 और 10 जुलाई को फ्लाचन नदी में आई भारी बाढ़ के कारण स्कूल का खेल मैदान और पुल के एक तरफ का हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। अब यह स्कूल फिर से बच्चों की पढ़ाई के लिए खुल गया है हालांकि अभिभावक और स्कूल आने वाले बच्चे काफी उत्साहित दिखे लेकिन पहले दिन उपस्थित कुछ कम ही रही। अभिभावकों ने स्कूल में नियमित कक्षाएं फिर से शुरू करने के लिए स्कूल प्रबंधन और शासन प्रशासन का आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि जुलाई और अगस्त माह में हुई भारी बारिश के कारण वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुशैनी को जोड़ने वाला पुल एक किनारे से क्षतिग्रस्त हो गया था जिस कारण बच्चों की आवाजाही नहीं हो सकती थी। इस मसले को लेकर स्कूल प्रबंधन समिति और प्रधानाचार्य अनिल ठाकुर जिलाधीश कुल्लू से भी मिले और यहां की वास्तविक स्थिती के बारे में अवगत कराया था। लेकिन अब फ्लाचन नदी पर स्कूल को जोड़ने के लिए लकड़ी के अस्थाई सुरक्षित पुल का निर्माण किया गया है जिस वजह से बच्चों की आवाजाही सम्भव हो पाई है।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गुशैनी के प्रधानाचार्या अनिल ठाकुर ने बताया कि भारी बारिश से हुए नुकसान के कारण स्कूल का सम्पर्क मार्ग आवाजाही के लिए बन्द हो गया था। पढ़ाई प्रभावित न हो इसलिए उच्चाधिकारियों के आदेशानुसार बच्चों को ऑन लाइन माध्यम से पढ़ाई करवाई गई। इन्होंने बताया कि अब नदी पर एक लकड़ी के अस्थाई पुल का निमार्ण किया गया है जो बच्चों की आवाजाही के लिए सुरक्षित है। इसके साथ ही नोहंडा और शर्ची पंचायत को जोड़ने वाले बड़े लोहे के पुल का निमार्ण कार्य भी जारी है जो करीब एक माह बाद बनकर तैयार हो जाएगा। इन्होंने बताया कि स्कूल के खेल मैदान को भी काफी क्षति पहुंची है जिसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी गई है। फंड का प्रावधान होते ही स्कूल के खेल मैदान को चौड़ा और समतल किया जाएगा।
एक ओर जहां भारी बारिश और नदी में आई बाढ़ के कारण सीनियर सेकेंडरी स्कूल गुशैनी का खेल मैदान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया, वहीं दुसरी ओर निर्माणाधीन नया खेल मैदान भी भूस्खलन की चपेट में आ गया है। इस खेल मैदान के पिछले हिस्से में सुरक्षा दीवार न होने और कटिंग के कारण काफी उपर तक जमीन धंस गई है। स्कूल भवन के पिछे कुछ पेड़ भी गिरने के कगार पर खड़े है। इस समय स्कूल में 470 विद्यार्थी अध्यनरत है। बच्चों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक अभी भी चिंतित है।
गुशैनी में स्कूल के खुलते ही रौनक लौट आई है लेकिन पहले ही दिन बच्चों को अपनी प्यास बुझाने के लिए नलकों में पीने का पानी नहीं मिला जिस कारण बच्चे नदी का मटमैला पानी पीते हुए दिखे। यहां तक कि बच्चों के लिए मिड डे मील तैयार करने को भी नदी का पानी इस्तेमाल किया गया। इस संबध में जल शक्ति विभाग के एसडीओ जसवीर सिंह चंदेल से बात की गई। उन्होंने फील्ड स्टाफ को शीघ्र ही स्कूल की पाइप लाइन को बहाल करने का निर्देश दिया है।
प्रधानाचार्य अनिल ठाकुर ने बताया कि पांच सितम्बर को शिक्षक दिवस के उपलक्ष में अविभावकों के साथ शिक्षा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अभिभावकों को भी आमंत्रित किया जायेगा। इस दौरान स्कूल प्रबंधन समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण के साथ ही नई शिक्षा नीति, शिक्षा का अधिकार, बच्चों के परिणाम और अन्य महत्त्वपूर्ण विषयों पर चर्चा परिचर्चा होगी। इसके साथ ही विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम, विज्ञान से सम्बंधित भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी।
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