नई दिल्ली। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी जनवरी में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे।विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह पहली बार है जब अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल-सीसी को औपचारिक निमंत्रण भेजा था जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 16 अक्टूबर को मिस्र के राष्ट्रपति का सौंपा था।
विदेश मंत्रालय ने रविवार को यह जानकारी दी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, यह पहली बार है जब अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति हमारे गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अल-सीसी को औपचारिक निमंत्रण भेजा था जो विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 16 अक्टूबर को मिस्र के राष्ट्रपति को सौंपा था।
दोनों देश इस साल राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। बयान में कहा गया कि मिस्र को 2022-23 में जी-20 की भारत की अध्यक्षता के दौरान अतिथि देश के तौर पर आमंत्रित किया गया है। इसमें कहा गया है, भारत और मिस्र के सभ्यतागत तथा लोगों से लोगों के बीच गहरे संबंधों पर आधारित मैत्रीपूर्ण संबंध हैं।
मित्र देशों के नेता 1950 से ही गणतंत्र दिवस समारोहों की शोभा बढ़ाते रहे हैं। 1950 में इंडोनेशिया के तत्कालीन राष्ट्रपति सुकर्णो को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था। 1952, 1953 और 1966 में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर कोई विदेशी नेता शामिल नहीं हुआ।
वर्ष 2021 में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया था लेकिन ब्रिटेन में कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण उन्होंने अपनी यात्रा रद्द कर दी थी। इस साल भारत ने गणतंत्र दिवस समारोह में पांच मध्य एशियाई गणराज्यों के नेताओं को आमंत्रित किया था।
वहीं 2018 में गणतंत्र दिवस समारोह में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संघ (आसियान) के सभी 10 देशों के नेता गणतंत्र दिवस परेड में उपस्थित रहे थे। 2020 में ब्राजील के तत्कालीन राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो मुख्य अतिथि थे।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा (2015), रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (2007), फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सार्कोजी (2008) और फ्रांस्वा ओलांद (2016) भी विगत में गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि रह चुके हैं।
फोटो सौजन्य : टि्वटर
कृपया अपनी खबरें, सूचनाएं या फिर शिकायतें सीधे [email protected] पर भेजें। इस वेबसाइट पर प्रकाशित लेख लेखकों, ब्लॉगरों और संवाद सूत्रों के निजी विचार हैं। मीडिया के हर पहलू को जनता के दरबार में ला खड़ा करने के लिए यह एक सार्वजनिक मंच है।