करसोग : करसोग में वीरवार को सड़क हादसा हो गया। इस हादसे में 36 यात्री घायल हो गए, जिनमें से 4 गंभीर घायलों को आईजीएमसी शिमला रैफर किया गया है। जानकारी के अनुसार एचआरटीसी की बस (एचपी 03बी-6211) मैंडी से करसोग आ रही थी। सुबह करीब सवा 10 बजे देहरी के समीप सड़क के किनारे पत्थर गिरे होने की वजह से अनियंत्रित होकर 300 मीटर खाई में गिर गई। हादसे के दौरान बस में करीब 40 यात्री सवार थे। इस हादसे में 36 यात्री घायल हो गए, जिन्हें स्थानीय लोगों की मदद से सिविल अस्पताल करसोग लाया गया। यहां 4 लोगों की गंभीर हालत के चलते शिमला स्थित आईजीएमसी रैफर किया गया। गंभीर घायलों में राधू देवी पत्नी नेत राम, सूबा राम पुत्र दलु, वीरेंद्र पुत्र शुकरु राम व अमर चन्द पुत्र खीमा राम शामिल हैं। उक्त सभी को 5-5 हजार रुपए की फौरी राहत जारी की गई है। वहीं हादसे को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
पीडब्ल्यूडी और एचआरटीसी के खिलाफ नारेबाजी
बस हादसे के बाद लोगों ने सड़क की हालत और मैंडी के लिए एकमात्र बस होने से नाराज लोगों ने अपना रोष प्रकट किया। उन्होंने पीडब्ल्यूडी और एचआरटीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। लोगों का कहना है कि सड़क की खराब हालत और मैंडी के लिए एक बस होना हादसे की बड़ी वजह है। स्थानीय लोगों के मुताबिक करसोग से मैंडी तक सड़क के किनारे पैरापिट ही नहीं हैं। इसके अतिरिक्त एक ही रूट होने से बस में भी भारी भीड़ रहती हैं, ऐसे में यहां पर भविष्य में भी हादसे का अंदेशा बना हुआ है।
विधायक बोले-करसोग को भेजी जाती हैं खटारा बसें
हादसे की सूचना मिलते ही विधायक दीपराज तुरंत सुंदरनगर से सिविल अस्पताल करसोग पहुंचे। इस दौरान उन्होंने घायलों का कुशलक्षेम जाना। उन्होंने कहा कि करसोग विधानसभा क्षेत्र में सभी जगह सड़कों की हालत खस्ता है। यही नहीं, करसोग को हमेशा खटारा बसें ही भेजी जाती हैं। सरकार को ये प्रथा बंद करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि घायलों के उपचार में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
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