चंबा : हिमाचल प्रदेश में सर्दी का मौसम प्रचंड हो गया है। बारिश व बर्फबारी के कारण प्रदेशभर में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जिला चंबा की धौलाधार एवं पीर पंजाल पर्वत श्रृंखलाएं पूरी तरह से बर्फ से लकदक हो गई हैं। इसके अलावा इस बार मध्यम-ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भी बर्फ पहुंच गई है। जनजातीय क्षेत्र पांगी के किलाड़ में एक फीट तक ताजा बर्फबारी हुई है, इसके अलावा ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो से तीन फीट तक बर्फबारी का अनुमान है।
वहीं निचले क्षेत्रों में गरजन के साथ जमकर बारिश हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्र में हुई बर्फबारी व निचले क्षेत्रों में बारिश से पहाड़ी जिला चंबा पूरी तरह से ठिठुरन भरी ठंड की चपेट में आ गया है। लोग भी घरों में ही दुबक गए हैं। बारिश के बीच स्कूली छात्रों के अलावा कर्मियों एवं लोगों को स्कूल एवं कार्य स्थल पर पहुंचना पड़ा।
दुर्गम क्षेत्रों में बिजली पानी की समस्या
उधर, बारिश बर्फबारी के कारण जिला के जनजातीय क्षेत्र पांगी एवं भरमौर के अलावा दुर्गम एवं ऊंचाई वाले क्षेत्रों के बाशिंदों ज्यादातर पशुपालकों किसानों सहित आम जन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन क्षत्रों में यातायात सेवाओं के अलावा बिजली, पानी की भी समस्या पैदा होने लगी है।
कई जगह शून्य से नीचे तापमान
बारिश-बर्फबारी के बाद सोमबार सुबह के समय चंबा का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के करीब रिकार्ड किया गया है। इसके अलावा जनजातीय क्षेत्रों सहित अन्य ऊंचाई वाले क्षेत्रों का न्यूनतम तापमान माइनस व शून्य डिग्री तक रिकार्ड किया गया।
पांगी में दूसरी बर्फबारी ने ही खोली व्यवस्था की पोल
जिला चंबा के जनजातीय विकास खंड पांगी में नवंबर में दूसरी बार हो रही बर्फबारी ने शासन और प्रशासन की तमाम व्यवस्थाओं की पोल खोलकर रख दी है। दोपहर तक पांगी मुख्यालय किलाड़ में करीब 15 सेंटीमीटर तक ताजा बर्फबारी हो चुकी है। इससे पहले 9 नवंबर को करीब 30 से 60 सेंटीमीटर बर्फबारी पांगी में हुई थी। तब से पांगी के कई गांव में ब्लैक आउट चल रहा है। सोमवार को हो रही बर्फबारी के कारण अब लोगों को यातायात दूरसंचार, पेयजल समेत कई अन्य सुविधाओं से वंचित रहना पड़ सकता है।
12 दिन से बिजली ठप
साच घराट, किलाड़, सुराल और पुरथी में बिजली का उत्पादन हो रहा है। लेकिन बिजली मिल किसको रही है, इसका कोई पता नहीं चल रहा है। लोगों का कहना है कट भी लगता है तो दिन के 24 घंटे में से कम से कम छह घंटे तो बिजली मिलनी चाहिए। लेकिन यहां 12 से 14 दिन तक बिजली का पता नहीं है। उधर, अधिशाषी अभियंता विद्युत बोर्ड का कहना है मौसम साफ होते ही सुधार किया जाएगा।
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