शिमला : राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने 18 सितम्बर अपराह्न 2 बजे से विधानसभा के मानसून सत्र को बुलाने पर मुहर लगा दी है। इसको लेकर अधिसूचना जारी होने के बाद अब पक्ष-विपक्ष तैयारियों में जुट गए हैं। अब विधायकों की तरफ से सवालों को पूछने का सिलसिला शुरू होगा, जिसके संबंधित विभाग की तरफ से उत्तर तैयार किए जाएंगे। अधिकांश विधायकों की तरफ से इस बार सड़कों की खस्ता हालत, ड्रेनेज सिस्टम का खराब होना, पेयजल आपूर्ति में बाधा आना तथा आपदा के समय राहत एवं बचाव कार्य से संबंधित सवालों को पूछा जा रहा है। ऐसा भी माना जा रहा है कि विपक्ष इस मामले को लेकर सदन के सारे कामकाज को स्थगित कर नियम-67 के तहत चर्चा करवाने के लिए अड़ सकता है। सत्र को आयोजित करने की अवधि कम करने के साथ ही इससे जुड़े स्टाफ की छुट्टियां भी रद्द होंगी यानि पूरा प्रशासनिक अमला अब सवालों के जवाब की तैयारियों में जुट जाएगा। उल्लेखनीय है कि विधानसभा का मानसून सत्र 18 से 25 सितम्बर तक शिमला में आयोजित किया जाएगा, जिसमें कुल 7 बैठकें होंगी। इसमें 1 दिन प्राइवेट मैंबर डे के लिए रखा गया है।
सत्र से पहले एक-दूसरे को घेरने लगे पक्ष-विपक्ष
विधानसभा के मानसून सत्र की तिथि निर्धारित होते ही पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष जहां सरकार को आपदा से पहले पूरी तैयारी नहीं करने को लेकर घेर रहा है, वहीं सत्तारुढ़ दल हालात से निपटने में बेहतर तरीके से कार्य करने का दावा कर रहा है। ऐसे में स्पष्ट है कि मानसून सत्र इस बार पहले की तरह हंगामेदार रहेगा, जिसमें विपक्ष की तरफ से सरकार को सदन के भीतर और बाहर घेरने का प्रयास किया जाएगा। वहीं सत्ता पक्ष भी सत्र की तैयारियों में पूरी तत्परता से जुट गया है।
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