ठियोग : ठियोग-हाटकोटी बाईपास पर टारिंग न होने की वजह से भारी वाहनों को गुजरने के लिए अभी कुछ और समय लगेगा। प्रेम घाट चौक से रहीघाट तक बनाए गए ढाई किलोमीटर लंबे बाईपास पर छोटे वाहन को गुजारने का ट्रायल सफल हुआ है। सड़क के कई हिस्सों के कच्चे होने की वजह से भारी वाहनों को सड़क के उपयोग के लिए प्रतिबंधित किया गया है।
सड़क से गुजर सकेंगे सभी वाहन
सड़क के 850 मीटर हिस्से पर अभी चार तहों वाली फिलिंग डाली जाएगी इसके बाद यह सड़क सभी प्रकार के वाहनों के गुजरने के लिए सुरक्षित मानी जाएगी। पिछले दिनों जिलाधीश के आदेशों के बाद सड़क पर छोटे वाहनों को गुजरने की अनुमति दी गई थी।
जाम से मिलेगी राहत
सड़क के खुलने के बाद छोटे वाहन चालकों ने राहत की सांस ली है। 60 करोड़ की लागत से छह सालों से बन रहे बाईपास के बन जाने के बाद ऊपरी शिमला के किन्नौर, रामपुर, कुल्लू, चौपाल और रोहडू क्षेत्र की ओर जाने वालों को जाम की समस्या से निजात मिल पाएगी।
सेब की सप्लाई में होती है परेशानी
ठियोग कस्बे में अक्सर जाम से परेशान होने वाले वाहन चालकों ने बाईपास को संजीवनी माना है। ठियोग बिजली मंडल कार्यालय के पास सड़क का बड़ा हिस्सा धंस जाने के बाद इस जगह पर स्टील का बैली ब्रिज लगाया गया था। जिसके ऊपर से 25 टन वजन वाले वाहन गुजर रहे हैं। सेब सीजन के दौरान 25 टन से अधिक वजन वाले वाहनों को छैला-सोलन मार्ग इस्तेमाल करना पड़ रहा है जिसके कारण वाहन चालकों को अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ा।
850 मीटर लंबे हिस्से पर होगी चार तहों वाली फिलिंग
सड़क के 850 मीटर लंबा हिस्सा वर्तमान में कच्चा है इसके ऊपर से भारी वाहनों के गुजरने से सड़क के धंसने का खतरा हो सकता है। सड़क के इस कच्चे हिस्से के आधार को मजबूत बनाने के लिए पहली तह में 180 मिलीमीटर की जीएसबी बिछाई जाएगी। मजबूत आधार वाली सतह को अधिक सौम्य बनाए जाने के लिए दूसरी तह में 250 मिली मीटर की डब्ल्यूएमएम तह बिछाई जाएगी।
सौम्य सतह पर 60 मिली मीटर की मोटी रोडी और तारकोल युक्त डीबीएम बिछाने का काम होगा। अंतिम व चौथी सतह में 40 मिली मीटर मोटी छोटी रोडी और तारकोल वाली बीसी तह बिछाई जाएगी। सड़क के कच्चे भाग के ऊपर लगभग सवा दो फुट मोटी तह बिछ जाने के बाद हर तरह के वाहन सड़क पर दौड़ सकेंगे।
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